भारत सरकार द्वारा 15 नवंबर 2023 को बिरसा मुंडा की जयंती के दौरान जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर पीएम जनमन योजना (PM Janman Yojana) शुरू की गई। यह योजना 24 हजार करोड़ रुपये के बजट के साथ 9 मंत्रालयों के सहयोग से कार्यान्वित की जा रही है। इसका उद्देश्य 18 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले 75 आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
पीएम जनमन योजना क्या है?
पीएम जनमन योजना (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर आदिवासी जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करना है। यह योजना 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर शुरू की गई थी।
पीएम जनमन योजना के अंतर्गत गरीब जनजातीय समूहों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 540 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है।
पीएम जनमन योजना का उद्देश्य
पीएम जनमन योजना का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर आदिवासी जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करना है।
- गरीब परिवार को आवास का लाभ देना
- स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य, पोषण के अलावा रोजगार के अवसर पैदा करना
- धन विकास केंद्रों की स्थापना करना जिससे धन उपज व्यापार में तेजी आए
- 1 लाख घरों के लिए ऑफ-ग्रिड सोलर एनर्जी सिस्टम और सोलर स्ट्रीट लाइट लगाना
PM Janman Yojana के मुख्य लाभ
- आवास: प्रत्येक लाभार्थी परिवार को 1.5 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- स्वच्छ पेयजल: प्रत्येक गांव में नल का जल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।
- शिक्षा: सभी बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- बिजली: सभी घरों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।
- सड़क: सभी गांवों को अच्छी सड़कों से जोड़ा जाएगा।
- स्वास्थ्य: सभी गांवों में स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे। राष्ट्रिय स्वास्थ्य मिशन
- पोषण: सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषक भोजन प्रदान किया जाएगा।
- रोजगार: युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
- धन विकास केंद्र: धन उपज व्यापार को बढ़ावा देने के लिए धन विकास केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
- सोलर एनर्जी: 1 लाख घरों में ऑफ-ग्रिड सोलर एनर्जी सिस्टम और सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी।
पीएम जनमन योजना: महत्वपूर्ण बातें
बात | विवरण |
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शुरुआत | 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस |
उद्देश्य | विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति प्रदान करना |
लाभार्थी | लगभग 75 लाख पीवीटीजी लोग |
बजट | 24 हजार करोड़ रुपये |
मंत्रालय | जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के साथ 9 मंत्रालय शामिल |
महत्वपूर्ण क्षेत्र | आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, बिजली, सड़क, दूरसंचार, आजीविका, वन अधिकार |
क्रियान्वयन | केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और पंचायती राज संस्थाओं के बीच समन्वय, विभिन्न विभागों की योजनाओं का एकीकरण, पीवीटीजी समुदायों की भागीदारी |
चुनौतियां | योजना अभी भी प्रारंभिक चरण में, क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां हो सकती हैं |
सफलता | सभी हितधारकों की भागीदारी महत्वपूर्ण |
लाभार्थी | 18 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले 75 आदिवासी समुदाय |
आधिकारिक वेबसाइट | tribal.gov.in |
पीएम जनमन योजना का महत्व
यह योजना आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार, बिजली, सड़क, स्वच्छ पेयजल, पोषण और सोलर एनर्जी जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगी। इससे आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर में सुधार होगा और वे मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे।
PM Janman Yojana के क्रियान्वयन के लिए
- केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और पंचायती राज संस्थाओं के बीच समन्वय स्थापित किया जाएगा।
- विभिन्न विभागों की योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा।
- पीवीटीजी समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
पीएम जनमन योजना के क्रियान्वयन में चुनौतियां
- भौगोलिक दुर्गमता: कई आदिवासी गांव दुर्गम क्षेत्रों में स्थित हैं, जिसके कारण इन गांवों तक पहुंचना मुश्किल है।
- आदिवासी समुदायों में जागरूकता की कमी: कई आदिवासी समुदायों में योजना के बारे में जागरूकता की कमी है।
- भ्रष्टाचार: योजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
PM Janman Yojana को सफल बनाने के लिए सुझाव
- जागरूकता अभियान: योजना के बारे में आदिवासी समुदायों में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए।
- पारदर्शिता: योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- निगरानी: योजना की निगरानी के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए।
पीएम जनमन योजना आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। यदि इस योजना को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाता है, तो यह आदिवासी समुदायों के जीवन स्तर में सुधार लाएगी और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करेगी।