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MP E Uparjan 2024: नमस्कार साथियो, आज हम बात करेंगे भावांतर योजना मध्य प्रदेश के बारे में। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार किसानो से न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP – (Minimum Support Prices) पर अनाज खरीदती है।अगर आप इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है, तो इस लेख को शुरू से आखरी तक जरूर पढ़े। इस लेख में आपके लिए मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना (bhavantar bhugtan yojana in hindi) के बारे में महत्वपूर्ण जारकारी दी गयी है।आईये जानते है इस योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी !
भावांतर भुगतान योजना मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश के किसानों को कृषि उपज का सही उचित मूल्य प्रदान करने के लिये राज्य शासन के द्वारा पायलट आधार पर खरीफ, रबी तथा मोटे अनाज के लिए भावांतर योजना मध्य प्रदेश शुरू की गयी है। किसान के द्वारा अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति में फसल बेचने पर राज्य शासन दवारा विहित प्रक्रिया अपनाकर न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा घोषित मंडियों की मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि को “भवान्तर भुगतान योजना“ अन्तर्गत किसान के बैंक खाते में राशि जमा कि जाती है |
घोषित भावांतर मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि को “भावांतर योजना मध्य प्रदेश “अंतर्गत किसान को प्रतिपर्ति के रूप में प्रादान कि जाती है | खरीफ फसल की योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा उपरान्त रबी फसल तथा मोटे अनाज फसल वर्ष 2017-18 में फसल चक्र के सम्बन्ध में योजना में शामिल किया गया है |
भावांतर योजना बजट
योजना के तहत 6.35 लाख किसानों को 880 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया गया है। सरकार का लक्ष्य कम से कम 16 लाख किसानों को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का भावांतर लाभ सुनिश्चित करना है, इसके अलावा मप्र सरकार की शून्य ब्याज कृषि ऋण की योजना चल रही है।
भावांतर योजना लागु होना:
- यह योजना “मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना” के नाम से जानी जाती है |
योजना 4 सितम्बर,2017 से लागू की गयी है | - भावांतर योजना अंतर्गत किसानो के लिए ई-उपार्जन पोर्टल (MP E Uparjan) पर पंजीयन किया जाता है|
- भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेत किसान द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ (जो गेहूँ तथा धान का ई-उपार्जन करती है) में जाकर पंजीयन कराना होगा।
MP भावांतर भुगतान योजना का उद्देश्य
- किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपज प्राप्त हो सके, सुनिश्चित करने हेतु।
- मण्डी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिए ।
- दलहन तथा तिलहन फसलों के उत्पादन का बढ़ावा देने हेतु ।
- सरकार द्वारा न्न्यनतम समर्थन मुल्य पर कृषि उपज खरीदने तथा उसके निपटान में आने वाली हानियों से बचने हेतु ।
भावांतर भुगतान के लिए पात्रता
- योजना का लाभ केवल कृषक समृद्धि योजना मध्य प्रदेश के किसानो को उसके दूवारा उत्पादित कृषि उपज पर प्रदेश की अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण मेँ बेचने तथा राज्य शासन के द्वारा घोषित की गई अवधि में किए जाने पर चयनित फसलों के लिये जिले की उत्पादकता की निश्चित सीमा तक विक्रय की गई फसल पर देय होगा।
- भावांतर भुगतान योजना के अन्तर्गत ल्राभ प्राप्त करने हेतु किसान द्वारा लगभग 3500 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ (जो कि गेहूँ, तथा धान के ई- उपार्जन का-पंजीयन करती हैं) भावान्तर भुगतान योजना हेतु तैयार किए गए पोर्टल पर पंजीयन किया जाना अनिवार्य होगा।
- भावातंर भुगतान योजना के लिए नवीन पंजीयन केन्द्र की आवश्यकता होगी तो जिला कलेक्टर ई-उपार्जन के अतिरिक्त केन्द्र की मांग के फार्मेंट/प्रपत्र के साथ केन्द्र खोलने के लिए आयुक्त, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता सरंक्षण विभाग को विधिवत प्रस्ताव भेज सकेंगे |
मुख्यमंत्री भावांतर योजना मध्य प्रदेश में आवेदन कैसे भरे
किसान दवारा भावांतर भुगतान योजना के पार्टल पर निशुल्क कराया जा सकेगा। प्रत्येक किसान को पोर्टल MP E Uparjan पर पंजीयन उपरान्त पंजीयन क्रमांक उपलब्ध कराया जायेगा तथा एस.एम.एस के माध्यम से पंजीकृत किसान को मोबाईल पर भी पंजीयन क्रंमाक की सूचना प्रदान की जाएगी। पोर्टल पर पंजीयन के समय किसान के द्वारा स्वयं का आधार कार्ड क्रमांक/समग्र क्रमांक, बैंक खाता क्रमांक तथा मोबाइल नम्बर दर्ज
कराया जाना अनिवार्य होगा।
भवान्तर ऑनलाइन आवेदन – MP E Uparjan 2024
- सबसे पहले आपको ई-उपार्जन पोर्टल (भावांतर योजना portal)पर जाकर किसान पंजीयन पर क्लिक करे।
- अपना जिला चुने और समग्र आईडी क्रमांक प्रविष्ठ करे.
- चित्र में दिखाई दे रहे कॅप्टचा को प्रविष्ट करें|
- किसान सर्च पर क्लिक करे।
- किसान जानकारी जैसे
समग्र आईडी, मोबाइल न., जिला, तहसील, ग्राम, पंजीयन केंद्र, बैंक, बैंक ब्रांच, IFSC Code कोड, अकाउंट नं, आवेदन/पंजीयन कोड, पंजीयन का प्रकार आदि दिख जायेगा।
भवान्तर ऑफलाइन आवेदन
- गेहू क्रय करने वाली 3000 प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाओं में पंजीयन किया जाता है।
- भूमि /बोनी आदि की जानकारी के साथ आधार क्रमांक, बैंक खाता क्रमांक तथा मोबाईल नम्बर की जानकारी दर्ज करानी होगी।
- पंजीयन के उपरांत किसान को यनिक आईडी (पंजीयन क्रमांक) प्रदान कि जाती है।
- पंजीयन के समय आधार कार्ड नम्बर, बैंक खाते की जानकारी तथा मोबाईल नम्बर की अनिवायता रहेगी |
योजन में लाभ लेने के लिए
- मध्य प्रदेश के मूल निवासी होने के साथ कृषक का पंजीयन भावातंर भुगतान योजना के पोर्टल पर दर्ज होना अनिवार्य है ।
- जिन कृषकों का नाम एवं जानकारी उक्त पोर्टल पर उपरांकित अवधि में दर्ज नहीं होगी उन्हें योजना में लाभ प्राप्त नहीं होगा।
- कृषि उत्पाद प्रदेश में ही उत्पादित होना चाहिए।
- योजना का लाभ अधिसूचित मण्डी परिसर में विक्रय अवधि में ही देय होगा।
- योजना का लाभ जिले में फसल कटाई पर आधारित औसत उत्पादकता के आधार पर उत्पादन की सीमा तक ही देय होगा ।
- भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर कृषक द्वारा प्रतिवर्ष सितम्बर, से अक्टूबर, तक दर्ज कराई गई फसलों की जानकारी तथा ई-उपार्जन में धान, ज्वार, बाजरा की एगजाई जानकारी कृषकवार राजस्व विभाग को प्राप्त हो सकेगी।
- राजस्व विभाग द्वारा कितनी भूमि पर कौन-सी फसल बोई गई है का कलेक्टर द्वारा राजस्व अमले से भौतिक सत्यापन कराया जावेगा।
- भावांतर भुगतान योजना की फसलों के संबंध में भावांतर भुगतान योजना पोर्टल पर सत्यापन मैं पात्र पाया गया अथवा नहीं देखा जायेगा।
- राज्य शासन के द्वारा योजना का लाभ प्रदान करने हेतु प्रदेश की अधिसूचित कृषि उपज मंडी समितियों के प्रांगणों में चयनित फसलों का विक्रय अविध में विक्रय किए जाने पर ही योजना में लाभ देय होगा।
- भावातंर भुगतान योजना के पोर्टल पर पंजीयन कराने पर प्राप्त पंजीयन क्रमांक कृषि उपज मण्डी समिति में विक्रय के समय उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
कृषि उपज मंडी समिति के कार्य
कृषि उपज मंडी समिति के नामांकित कर्मचारी/अधिकारी के द्वारा नीलामी/ विक्रय उपरान्त जारी किये जाने वाले अनुबंध पर्ची, तौत्र पर्ची एवं भुगतान पत्रक में किसान का पंजीयन क्रमांक, नाम पता, विक्रय की गयी मात्रा एवं विक्रय दर आदि का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाता है।
मंडी सचिव द्वारा प्रत्येक दिवस कृषि उपज मंडी प्रांगण में सम्पन्न नीलामी का कार्य पूर्ण हो जाने के उपरांत कृषि जिन्स वार विक्रय की दैनिक आवक एवं भाव की जानकारी केन्द्र शासन के agmarknet portal पर साँय 6 बजे तक अपलोड की जाती है।
कृषि उपज मंडी समिति के द्वारा दैनिक जानकारी का संग्रहण कर किसान के पंजीयन क्रमांक वार भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल पर उपलब्ध कालम में अनुबंध पर्ची, तौल पर्ची एवं भुगतान पत्रक की सम्बंधित जानकारी किसान के पंजीयन क्रमांक अनुसार मंडी फीस जमा कर मूल अभिलेखों पर किसान का पंजीयन क्रमांक दर्ज कर मण्डी समिति में सुरक्षित रखा जाता है।
भावान्तर भुगतान योजना की अवधि समाप्त होने पर आगे अंकित प्रक्रिया अपनाकर किसान के बैंक खाते में अंतरित किए जाने का कार्य सम्बंधित संस्था म0प्र0 राज्य सहकारी विपणन संघ/म0प्र0 स्टेट सिविल सप्लाइज कापेरेशन लिमिटेड द्वारा भुगतान किया जावेगा। योजना हेतु जिलावार एजेन्सी नियत रहेगी ।
भावांतर भुगतान आवश्यक दस्तावेज
- भूमि /बोनी आदि की जानकारी
- समग्र आईडी क्रमांक
- आधार क्रमांक,
- बैंक खाता क्रमांक तथा
- मोबाईल नम्बर
भावांतर योजना मध्य प्रदेश की मुख्य बाते
योजना का नाम | मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना (bhavantar bhugtan yojana) |
लॉन्च दिनांक | अगस्त 2017 |
किसके द्वारा शुरू किया गया | मध्यप्रदेश सरकार |
योजना का उद्देश्य | किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उपज विक्रय करना |
लाभार्थी | मध्यप्रदेश किसान |
ऑफिसियल वेबसाइट | यहाँ क्लिक करे |
मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के लाभ
- मध्यप्रदेश के किसान को मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना का लाभ (bhavantar bhugtan yojana mp 2020) मिलेगा।
- राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसल पर वाले किसान
- “भावान्तर भगतान योजना पोर्टल” (bhavantar portal mp) पर पंजीयन करने वाले किसान को
- अधिसूचित कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में विकय करने पर
- राज्य शासन के द्वारा घोषित की गई अवधि में, विकय पर |
- जिले की औसत उत्पादकता की निश्चित सीमा तक विक्रय की गई फसल पर देय ।
भावांतर योजना पंजीयन लिस्ट 2024 योजना में शामिल फसलें
न्यूनतम समर्थन मूल्य लिस्ट
फसलें | 2023 |
मक्का | 1850 |
मूंगफली | 5275 |
सोया बीन | 3710 |
गेहूं | 1975 |
- तिलहन फसलें
सोयाबीन
मूंगफली
तिल
रामतिल
- खाद्यान्न फसल
मक्का
गेंहू - दलहनी फसलें
मूंग
उडद
तुअर
सभी भावांतर फसलों की लिस्ट देखे
भावांतर भुगतान योजना के बारे में
यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक या उसके बराबर हुई तो योजना का लाभ देय नहीं होगा।अगर किसान द्वारा कृषि उपज मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम किन्तु राज्य शासन द्वारा घोषित मंडियों की मॉडल विक्रय दर से अधिक हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय मूल्य के अंतर की राशि किसान के उस खाते में ही अंतरित की जावेगी, जो किसान दवारा भावांतर भुगतान योजना (mukhyamantri bhavantar) के पोर्टल पर पंजीयन के समय दर्ज किया गया था।
कृषि उत्पाद मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे बेचा गया हो या फिर न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर बेचा गया हो, दोनों स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का लाभ पंजीकृत किसान को देय होगा ।
यदि किसान द्वारा मण्डी समिति परिसर में विक्रय की गई अधिसूचित फसल की विक्रय दर राज्य शासन द्वारा घोषित मंडियों की मॉडल विक्रय दर से कम हुई तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा मंडियों की मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि उस बैंक खाते में ही अंतरित की जावेगी जो किसान द्वारा भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल पर पंजीयन के समय दर्ज की गयी थी।
भावातंर भुगतान योजना फसल उत्पाद
परन्तु यदि उपरोक्त में से किसी फसल उत्पाद के मॉडल विक्रय दर का औसत (तीन राज्यों का) यदि ल्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर रहे तो
उक्त फसल उत्पाद के लिए भावातंर भुगतान योजना लागू नहीं मानी जावेगी भुगतान योजना लागू नहीं मानी जावेगी । किसान द्वारा मण्डी के परिसर में विक्रय मात्रा, जो बोए गए रकबे पर जिले की औसत उत्पादकता के आधार पर होने वाले उत्पादन की सीमा तक की मात्रा पर देय होगा। जिले की औसत उत्पादकता प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मापदण्ड के आधार आयुक्त, भू-अभिलेख के
मार्गदर्शन में फसल्न कटाई प्रयोगों के आधार पर गणना की जावेगी। जिलावार, फसलवार औसत अक्टूबर माह से पूर्व अधिसूचित की जावेगी तथा भावांतर भुगतान के पोर्टल पर अपल्रोड की जावेगी।
भावान्तर भुगतान योजना पोर्टल पर दर्ज जानकारी राजस्व विभाग के अमले द्वारा त्रुटिपूर्ण पाई जाने पर उक्त भुगतान कलेक्टर द्वारा जांचों परानत मान्य किए जाने तक देय नहीं होंगे।
भावांतर योजना का भुगतान कब होगा
भावान्तर की राशि किसान द्वारा भावातंर भुगतान योजना के पोर्टल (bhavantar bharpai yojana) पर सितंबर से अक्टूबर माह में पंजीयन के समय दिए गए बैंक खाते में जमा कराई जायेगी। पंजीकृत किसान जो इस प्रावधान का लाभ लेना चाहते हैं, अवधि में ही आवेदन किया जाना होगा। आवेदन में किसान को भावान्तर भुगतान योजना के पोर्टल पर पंजीयन क्रमांक अंकित किया जाना आवश्यक होगा। जिला कलेक्टर दवारा मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ, मध्यप्रदेश स्टेट सिवित्र सप्लाइज कार्पोरेशन लिमिटेड अथवा इस बाबत् गठित समिति या अन्य शासकीय/ अर्द्ध शासकीय एजेंसी के माध्यम से उक्त प्रदाय जानकारी का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जावेगा। मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन तथा मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन संघ का यह दायित्व होगा कि किसान को भुगतान की गई राशि की जानकारी किसान के मोबाईल नम्बर पर एस.एम.एस. के माध्यम से प्रदान की जाएगी
सीएम शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि 2016-17 के रबी सीजन में समर्थन मूल्य पर 67.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की ई-खरीद की गई और 7.38 लाख किसानों को 1,340 करोड़ रुपये का भावान्तर भुगतान किया गया।
इसी प्रकार, राज्य ने खरीफ 2017 में समर्थन मूल्य पर 16.59 लाख मीट्रिक टन धान की ई-खरीद की और 2.83 लाख किसानों को 330 करोड़ रुपये का भावातंर भुगतान योजना के पोर्टल से भुगतान किया जाएगा।