cg dairy udhyamita vikas yojna | dairy udyamita vikas yojana 2024 | मुख्यमंत्री पशुधन योजना chhattisgarh | छत्तीसगढ़ पशुपालन योजना
छत्तीसगढ़ राज्य डेयरी उद्यमिता पशुपालन विकास योजना 2024: राज्य में डेयरी व्यवसाय की अपार संभावनाएं उपलब्ध है। दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की उत्तरोत्तर बढ़ती हुई मांग को दृष्टिगत रखते हुए राज्य के प्रत्येक जिले में डेयरी इकाई की स्थापना करना आवश्यक है। उन्नत नस्ल गाय भैंस पालन एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में उभर रहा है। युवाओं को डेयरी क्षेत्र में व्यवसाय के अवसर प्रदाय करने के उद्देश्य से राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना को शुरू किया गया है। यह योजना न सिर्फ नवीन उद्यमियों को डेयरी इकाई स्थापना हेतु प्रेरित करेगी साथ ही वर्तमान में गाय भैंस पालन कर रहे पशुपालकों को पशुधन संख्या की बढ़ोत्तरी में भी सहायक सिद्ध होगी जिससे राज्य में दुग्ध उत्पादन एवं आपूर्ति में वृद्धि होगी।
CG Rajya Dairy Udhyamita Vikas Yojana का उद्देश्य
राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के माध्यम से लोगो के लिए स्वरोजगार में वृद्धि करना है। छत्तीसगढ़ पशुपालन योजना डेयरी विकास की अवधारणा अनुसार अधिक से अधिक हितग्राहियो के लिए आय के अतिरिक्त स्त्रोत के रूप में डेयरी व्यवसाय को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाना। इससे प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में दुग्ध एवं दुग्ध उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा। दुग्ध उत्पादन में संलग्न परिवारों की डेयरी इकाई का विस्तार करने में मदद मिलेगी एवं दुग्ध उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना।
- छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
- छत्तीसगढ़ ई श्रेणी पंजीयन
- छत्तीसगढ़ आय प्रमाण पत्र
- ई श्रमिक कार्ड ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
- छत्तीसगढ़ उद्यानिकी बागवानी विभाग
- छत्तीसगढ़ नलकूप खनन योजना 2024
- गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ 2024
- छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोत्साहन योजना
छत्तीसगढ़ पशुपालन योजना के मुख्यबिंदु
योजना का नाम | राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना |
विभाग | पशुधन विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
योजना का उद्देश्य | दुग्ध उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना |
लाभार्थी | राज्य के लोग |
आधिकारिक वेबसाइट | agriportal.cg.nic.in |
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के लाभ
- इससे किसानो की आय में वृद्धि होगी।
- योजना में सरकार द्वारा अनुदान राशि दी जाती है।
- सामान्य वर्ग हेतु दुधारू पशु के वास्तवितक लागत का 50 % अधिकतम रू. 70 हजार तथा
- अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग हेतु दुधारू पशु के वास्तविक लागत का 66.6 % अधिकतम राशि 93200 रू लाख अनुदान दिया जाता है।
- इससे राज्य के लोगो को शुद्ध दूध की आपूर्ति होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य डेयरी इकाई अनुदान विवरण
घटक का नाम | कुल वित्तीय लागत | सहायता का प्रकार (पश्चातवर्ती पूंजी अनुदान) | |
सामान्य श्रेणी हितग्राही हेतु | अ.जा./अ.ज.जा. हितग्राही हेतु | ||
भारतीय दुधारू नस्ल की गाय (साहीवाल रेडसिंधी, गिर, थारपारकर आदि) उन्नत संकर नस्ल की गाय/उन्नत नस्ल की भैंस | अधिकतम 2 दुधारू पशु हेतु राशि 1 लाख 40 हजार प्रति पशु 7० हजार तीन वर्ष का पशुबीमा सहित | दुधारू पशु के वास्तविक लागत का 50 % अनुदान राशि 70 हजार | दुधारू पशु के वास्तविक लागत का 66.6 % अनुदान राशि 93200 रु |
CG छत्तीसगढ़ पशुपालन योजना हितग्राही अनुदान पात्रता
- योजना अंतर्गत अधिकतम 2 पशु क्रय किये जा सकेंगे।
- योजनांतर्गत निहित प्रावधान से अधिक व्यय हितग्राही द्वारा स्वयं वहन किया जावेगा एवं उस पर कोई अनुदान नहीं दिया जायेगा।
- खरीदते समय दुधारू पशु दुग्ध उत्पादन पर हो तथा उसकी आयु 5 वर्ष से अधिक न हो।
- पशु का दुग्धोत्पादन, खरीदने के समय न्यूनतम 40 लीटर होना चाहिये।
- पशु बीमा 5 वर्ष की अवधि के लिए होगा, इकाई स्थापना के समय न्यूनतम 3 वर्ष का पशु बीमा अनिवार्य होगा। इस अवधि में स्थापित इकाई की निरंतरता आवश्यक है।
- भूमिहीन, लघु एवं सीमांत कृषक, गरीबी रेखा के नीचे के परिवार, दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों, दुग्ध संकलन मार्ग पर स्थित ग्रामो, गरवा योजना अंतर्गत चिन्हित ग्रामों के पशुपालको, महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों एवं पूर्व से दुग्ध उत्पादन में संलग्न परिवार को योजनांतर्गत प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
- हितग्राही छत्तीसगढ़ में कम से कम 05 वर्ष से निवास कर रहा हो।
- संयुक्त परिवार के एक ही हितग्राही को अनुदान की पात्रता होगी।
- ऐसे हितग्राहियों को योजना में सम्मिलित नही किया जावेगा जिनके पास पूर्व से ही कम से कम दो उन्नत नस्ल के दुधारू पशु है।
CG Dairy Udhyamita Vikas Yojna योजना का कियान्वयन
राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजनांतर्गत हितग्राही द्वारा इकाई स्थापना के लिए बैंक ऋण के माध्यम से या स्वयं की पूंजी से कियान्वित किये जायेंगे। एक हितग्राही को किसी भी एक माध्यम से ही अनुदान की पात्रता होगी। एक बार अनुदान प्राप्त कर चुके हितग्राही को योजनांतर्गत आगामी अनुदान की पात्रता पूर्व अनुदान प्राप्ति दिनांक के 05 वर्ष पश्चात् होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना आवश्यक दस्तावेज
- पशुधन क्रय संबंधी दस्तावेज जो कि सत्यापन समिति द्वारा सत्यापित हो।
- बीमा संबंधी दस्तावेज।
- पशु में कृत टीकाकरण प्रमाण पत्र ।
- हितग्राही एवं दो गवाह द्वारा हस्ताक्षरित अनुबंध पत्र। हितग्राही द्वारा इकाई को कम से कम 5 वर्ष तक संचालित किया जाना होगा। इस संबंध में एक अनुबंध हितग्राही एवं विभाग के बीच में संपादित किया जाना होगा।
- बैंक खाते का विवरण।
- जाति प्रमाण पत्र। अनुसूचित जाति /जनजाति के हितग्राहियों को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
- पता एवं पहचान पत्र।
- छत्तीसगढ़ मूल निवासी प्रमाण पत्र।
राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना आवेदन प्रकिया
छत्तीसगढ़ पशुपालन योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया निम्न है:-
- विकास खण्ड सीमा के निकटस्थ पशु चिकित्सा संस्था (पशु औषधालय, कृत्रिम गर्भधान उपकेंद्र, मुख्य ग्राम इकाई, पशु चिकित्सालय, कृत्रिम गर्भधान केंद्र, मुख्य ग्राम खण्ड) में, निर्धारित आवेदन फॉर्म में किया जाए।
- दस्तावेज (सत्यापित छायाप्रति) – पहचान पत्र, छ.ग. मूल निवासी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, पता सत्यापन दस्तावेज, इकाई स्थापना संबंधी स्थान का विवरण, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, स्व-वित्तीय प्रकरण में लागत राशि के स्त्रोत संबंधी विवरण की फोटो कॉपी फॉर्म के साथ लगाए।
- पूर्व से दुधारू पशुपालन के जुडे आवेदक को दुधारू पशु व डेयरी के फोटो देने होंगे।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना आवेदन का पंजीकरण
- विकास खण्डस्तरीय संस्था – पशु चिकित्सालय / कृत्रिम गर्भधान केन्द्र / मुख्य ग्राम खण्ड में आवेदन का पंजीकरण निर्धारित आवेदन में करना होगा।
- विकासखण्ड स्तरीय संस्था से पंजीयन उपरांत आवेदन पत्रों को परीक्षण उपरांत सीधे विभागीय जिला कार्यालय में भेजा जायेगा। जिला कार्यालय द्वारा प्राप्त बैंक लिंक्ड् आवेदन पत्रों को परीक्षण उपरांत बैंको को भेजे जाएंगे।
छत्तीसगढ़ पशुपालन योजना हितग्राही चयन प्रकिया
बैंक लोन – संयुक्त / उपसंचालक, प.चि.से. द्वारा, आवेदक द्वारा सुझाये गये बैंक को आवेदन अग्रेषित किया जावेगा। बैंक द्वारा ऋण स्वीकृति एवं राशि जारी करने पर संयुक्त ,/ उपसंचालक, प.चि.से. को एनेक्सर- प्रस्तुत किया जायेगा। एनेक्सर- प्राप्ति पर आवेदक अंतिम रूप से चयनित माना जावेगा। चयनित आवेदक को विभागीय जिलाधिकरी के साथ डेयरी इकाई स्थापना की शर्तों से संबंधित अनुबंध करना होगा।
स्व-वित्तीय – पंजीकृत आवेदन पत्र का जनपद पंचायत (कृषि स्थयी समिति) से अनुमोदन पश्चात जिला पंचायत (कृषि स्थायी समिति) से अनुमोदित हितग्राही अंतिम रूप से चयनित माना जावेगा। चयनित आवेदक को संयुक्त, उपसंचालक, प.चि.से. के साथ डेयरी इकाई स्थापना की शर्तो से संबंधित अनुबंध करना होगा। चयनित हितग्राही को अंतिम रूप से चयन की सूचना दी जावेगी एवं स्वीकृति अनुसार डेयरी इकाई स्थापना एवं सत्यापन के पश्चात् निर्धारित प्रपत्र में अनुदान हेतु आवेदन किया जायेगा।
इकाई स्थापना प्रकिया
हितग्राही द्वारा डेयरी इकाई स्थापना संबंधी सामान्य निर्देश निम्नानुसार है :-
- योजना में हितग्राही इस आशय का पूर्ण विवरण प्रस्तुत करेंगे कि जहां से उन्होने पशु क्रय किये है, उस विक्रेता के पास टीकाकरण एवं राज्य /अन्य राज्यों से पशु लाकर विकय करने की सुविधा है।
- हितग्राही के पास पूर्व से पले हुये दुधारु पशुओं को योजनांतर्गत पशुओं की संख्या में शामिल नही किया जायेगा।
- अनुसूचित जाति/जनजाति के हितग्राहियों को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
- हितग्राही एवं दो गवाह द्वारा हस्ताक्षरित अनुबंध पत्र। हितग्राही द्वारा इकाई को कम से कम 5 वर्ष तक संचालित किया जाना होगा। इस संबंध में एक अनुबंध हितग्राही एवं विभाग के बीच में संपादित किया जाना होगा।
इकाई सत्यापन प्रकिया
- बैंक लिंक्ड लोन – बैंक द्वारा सत्यापन हेतु सत्यापन समिति को लेख किया जायेगा। समिति में संबंधित बैक के शाखा प्रबंधक » प्रतिनिधि अध्यक्ष होंगे तथा स्थानीय सरपंच / पार्षद, स्थानीय पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, हितग्राही सदस्य होंगे।
- स्व-वित्तीय – हितग्राही द्वारा सत्यापन समिति से सत्यापन कराया जावेगा। समिति में स्थानीय सरपंच / पार्षद, स्थानीय पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, हितग्राही सदस्य होंगें।
CG Dairy Udhyamita Vikas Yojna योजना के बारे में
विकास खण्ड स्तर पर – आवेदन अग्रेषणकर्ता संस्था के स.प.चिक्षे.अधि. द्वारा माह में कम से कम एक बार तथा प.चि.स.श. द्वारा 02 माह में कम से कम एक बार स्थापित डेयरी इकाईयों का अनुशीलन आवश्यक रूप से किया जा कर निर्धारित पंजी में लेखा संधारित किया जाए। अनुशीलन कम से कम तीन साल तक किया जाना होगा।
जिला स्तर पर– स्थापित डेयरी इकाईयों का कम से कम 06 माह में एक बार जिला स्तर से विभागीय जिलाधिकारी /जिला स्तर से नामित अधिकारी द्वारा अनुशीलन आवश्यक रूप से किया जा कर निर्धारित पंजी में लेखा संधारित किया जावे। अनुशीलन कम से कम तीन साल तक किया जाना होगा।
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना
- पैन कार्ड से आधार लिंक
- Pradhan Mantri Mudra Yojana
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
- NMMS Scholarship Portal
- PM Kisan Tractor Yojana 2024
- Solar Rooftop Yojana
- E Shram Card 2024