डीमैट खाता क्या है | डीमैट अकाउंट के फायदे और नुकसान | डीमैट खाता शुल्क | डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं? | डीमैट अकाउंट कैसे खोलें | डीमैट अकाउंट के नुकसान
डीमैट अकाउंट क्या है
डीमैट अकाउंट (demat account) एक ऐसा खाता है जिसमें शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड, आदि जैसे सिक्योरिटीज इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर किए जाते हैं। डीमैट खाते का मतलब “डिमैटेरियलाइज़्ड अकाउंट” (Dematerialized Account) होता है, जिसका अर्थ है कि सिक्योरिटीज को भौतिक रूप से नहीं रखा जाता है, बल्कि उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में एक डिपॉजिटरी में रखा जाता है।
डीमैट अकाउंट ऑनलाइन कैसे खोलें?
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- एक स्टॉकब्रोकर चुनें जो डीमैट खाते की पेशकश करता है।
- स्टॉकब्रोकर की वेबसाइट पर जाएं और “डीमैट खाता खोलें” लिंक पर क्लिक करें।
- आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, संपर्क जानकारी और पते की जानकारी शामिल होगी।
- आपको निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करने होंगे:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- मोबाइल नंबर
- जीमेल आईडी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक स्टेटमेंट
- शपथ पत्र
- एक बार जब आप सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर देते हैं, तो स्टॉकब्रोकर आपकी पहचान और पते की पुष्टि करेगा।
- एक बार दस्तावेज सत्यापित हो जाने के बाद, स्टॉकब्रोकर आपका डीमैट खाता खोल देगा।
भारत की प्रमुख फ्री डीमैट अकाउंट खोलने वाली कंपनियां
भारत में, कई स्टॉकब्रोकर फ्री डीमैट अकाउंट खोलने की पेशकश करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कंपनियां हैं:
डीमैट खाता शुल्क
इन कंपनियों के डीमैट खातों की तुलना करने से पहले, आपको निम्नलिखित कारकों पर विचार करना चाहिए:
- शुल्क: कुछ कंपनियां डीमैट खाते पर कोई शुल्क नहीं लेती हैं, जबकि अन्य शुल्क लेती हैं।
- ट्रेडिंग शुल्क: विभिन्न कंपनियों के पास विभिन्न ट्रेडिंग शुल्क होते हैं।
- सेवाएं: विभिन्न कंपनियों के पास विभिन्न सेवाएं होती हैं, जैसे कि रिसर्च, विश्लेषण और ग्राहक सेवा।
आप अपनी आवश्यकताओं और बजट के लिए सबसे अच्छा डीमैट खाता चुन सकते हैं।
Groww ऐप के द्वारा फ्री ऑनलाइन डीमैट अकाउंट कैसे खोले
Groww ऐप के द्वारा फ्री ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोलने के लिए, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- Groww ऐप डाउनलोड करें और इंस्टॉल करें।
- ऐप खोलें और “शुरू करें” बटन पर टैप करें।
- अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और “जारी रखें” बटन पर टैप करें।
- एक ओटीपी प्राप्त करें और इसे ऐप में दर्ज करें।
- अपना नाम, ईमेल पता और जन्म तिथि दर्ज करें।
- अपना निवास स्थान चुनें और अपना पिन कोड दर्ज करें।
- अपने आधार कार्ड और पैन कार्ड की तस्वीरें अपलोड करें।
- अपना बैंक खाता विवरण दर्ज करें।
- Groww की सेवाओं के लिए अपनी सहमति दें।
- “सबमिट” बटन पर टैप करें।
Groww आपकी पहचान और पते की पुष्टि करने के लिए इन दस्तावेजों की जांच करेगा। एक बार दस्तावेज सत्यापित हो जाने के बाद, Groww आपका डीमैट खाता खोल देगा।
Groww डीमैट खाते के लाभ
- यह पूरी तरह से मुफ़्त है।
- इसमें कोई वार्षिक रखरखाव शुल्क नहीं है।
- यह उपयोग में आसान है।
- इसमें रिसर्च और विश्लेषण के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं।
Groww एक लोकप्रिय स्टॉकब्रोकर है जो भारत में कई लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है। यह एक अच्छा विकल्प है यदि आप एक मुफ़्त डीमैट खाता खोलना चाहते हैं जो उपयोग में आसान हो।
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डीमैट अकाउंट कैसे खोलें?
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए, आपको किसी स्टॉकब्रोकर के साथ खाता खोलना होगा। स्टॉकब्रोकर आपको डीमैट खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रदान करेगा। इन दस्तावेजों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक स्टेटमेंट
- शपथ पत्र
स्टॉकब्रोकर आपकी पहचान और पते की पुष्टि के लिए इन दस्तावेजों की जांच करेगा। एक बार दस्तावेज सत्यापित हो जाने के बाद, स्टॉकब्रोकर आपका डीमैट खाता खोल देगा।
डीमैट अकाउंट के फायदे
डीमैट अकाउंट के निम्नलिखित फायदे हैं:
- फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट रखने की आवश्यकता नहीं होती है। डीमैट खाते में, आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्टोर किए जाते हैं, इसलिए आपको उन्हें भौतिक रूप से रखने की आवश्यकता नहीं होती है। इससे आपके शेयरों को चोरी या क्षति से बचाने में मदद मिलती है।
- शेयर खरीदना और बेचना आसान है। डीमैट खाते के साथ, आप शेयर खरीदने और बेचने के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। इससे शेयर बाजार में निवेश करना आसान हो जाता है।
- सेटलमेंट में कम समय लगता है। डीमैट खाते के साथ, शेयर खरीदने और बेचने के बाद, सेटलमेंट में कम समय लगता है। इससे आपके निवेश पर जल्दी से लाभ या हानि देख सकते हैं।
- करों की गणना में आसानी होती है। डीमैट खाते के साथ, आपके शेयरों की खरीद और बिक्री की जानकारी स्वचालित रूप से आपके कर रिटर्न में शामिल हो जाती है। इससे करों की गणना में आसानी होती है।
डीमैट अकाउंट के नुकसान
डीमैट अकाउंट के निम्नलिखित नुकसान हैं:
- डिपॉजिटरी के प्रति निर्भरता। डीमैट खाते में, आपके शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में डिपॉजिटरी में रखे जाते हैं। इसलिए, आपके शेयरों की सुरक्षा डिपॉजिटरी पर निर्भर करती है।
- तकनीकी समस्याओं का जोखिम। डीमैट खाते के साथ, आपके शेयरों का निवेश इलेक्ट्रॉनिक रूप में होता है। इसलिए, तकनीकी समस्याओं के कारण आपके शेयरों को नुकसान हो सकता है।
डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
भारत में डीमैट खाते मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- नियमित डीमैट खाता (Regular Demat Account): यह सबसे सामान्य प्रकार का डीमैट खाता है। यह उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो भारत में रहते हैं और भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं।
- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account): यह उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए उपयुक्त है जो अनिवासी भारतीय (NRI) हैं। यह खाता आपको भारत में खरीदे गए शेयरों को विदेशों में स्थानांतरित करने की अनुमति देता है।
इन दो मुख्य प्रकारों के अलावा, कुछ अन्य प्रकार के डीमैट खाते भी उपलब्ध हैं, जैसे:
- उत्कृष्टता डीमैट खाता (Prime Demat Account): यह एक प्रकार का डीमैट खाता है जो उन निवेशकों या व्यापारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अधिक उन्नत सुविधाओं और सेवाओं की मांग करते हैं।
- संयुक्त डीमैट खाता (Joint Demat Account): यह एक प्रकार का डीमैट खाता है जिसे दो या दो से अधिक लोगों के द्वारा संयुक्त रूप से धारित किया जा सकता है।
- बच्चों के लिए डीमैट खाता (Children Demat Account): यह एक प्रकार का डीमैट खाता है जिसे बच्चों के नाम पर खोला जा सकता है।
डीमैट खाते का प्रकार चुनते समय, निवेशकों को अपनी आवश्यकताओं और लक्ष्यों पर विचार करना चाहिए। यदि आप एक शुरुआती निवेशक हैं, तो एक नियमित डीमैट खाता एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यदि आप एक अधिक उन्नत निवेशक हैं या विदेशों में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको एक प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता या अन्य प्रकार के डीमैट खाते पर विचार करना चाहिए।
डीमैट अकाउंट शेयर बाजार में निवेश करने के लिए एक आवश्यक उपकरण है। यह आपको फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट रखने की आवश्यकता से छुटकारा दिलाता है और शेयर खरीदना और बेचना आसान बनाता है। हालांकि, डिपॉजिटरी के प्रति निर्भरता और तकनीकी समस्याओं के जोखिम जैसे कुछ नुकसान भी हैं।