20 जून 2020 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान (पीएमजीकेआरवाई – Garib Kalyan Rojgar Abhiyan) की शुरुआत की। यह एक महत्वाकांक्षी योजना थी जिसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधान से प्रभावित लोगों को तत्काल रोजगार और आजीविका के अवसर प्रदान करना था।
इस योजना के तहत, सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। इसका उपयोग निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किया गया:
- तत्काल रोजगार सृजन: ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करना।
- आजीविका का समर्थन: मनरेगा और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबों को आजीविका के अवसर प्रदान करना।
- आय सृजन गतिविधियों को बढ़ावा देना: कौशल विकास और सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना।
पीएमजीकेआरवाई ने देश भर के लाखों लोगों को लाभान्वित किया। इस योजना के तहत, ग्रामीण सड़कों, आवासों, जल संरक्षण कार्यों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण किया गया। इन परियोजनाओं ने न केवल रोजगार के अवसर पैदा किए, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया।
इसके अलावा, मनरेगा और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से, गरीबों को आजीविका के अवसर प्रदान किए गए। सरकार ने कौशल विकास और सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए भी कई पहल कीं। इन पहलों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पीएमजीकेआरवाई सरकार की ओर से गरीबों को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस योजना ने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद की और भारत के ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल योजना का एक संक्षिप्त विवरण है। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित स्रोतों का उल्लेख कर सकते हैं:
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान की आधिकारिक वेबसाइट पीएमजीकेआरवाई पर समाचार लेख
- पीएमजीकेआरवाई पर सरकार की प्रेस विज्ञप्ति – https://rural.gov.in/en/press-release/programmes-garib-kalyan-rojgar-abhiyan