MP Atithi Shikshak News: मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए सरकार द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। हाल ही में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि अतिथि शिक्षकों को बिना (Experience Certificate) के भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए।
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अतिथि शिक्षकों को बिना अनुभव प्रमाण पत्र के भी भर्ती में शामिल किया जाए
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस डी.डी. बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश जारी किया। मामला इस बात को लेकर था कि स्कूल शिक्षा विभाग ने केवल उन्हीं अतिथि शिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया था, जिन्होंने कार्य अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। कई योग्य उम्मीदवार ऐसे थे जो प्रमाण पत्र न होने के कारण आवेदन नहीं कर सके थे, जबकि उन्होंने पूर्व में शिक्षा संस्थानों में कार्य किया था।
हाई कोर्ट का आदेश
हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वे बिना अनुभव प्रमाण पत्र वाले अतिथि शिक्षकों को भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल करें। इस आदेश के तहत अब वे सभी उम्मीदवार जो पूर्व में किसी स्कूल में पढ़ा चुके हैं, लेकिन उनके पास प्रमाण पत्र नहीं है, वे भी भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
सरकार और शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
कोर्ट ने इस फैसले के संबंध में राज्य सरकार, प्रमुख सचिव (School Education Department) और मप्र कर्मचारी चयन मंडल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इससे संकेत मिलता है कि सरकार और शिक्षा विभाग को इस आदेश पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
प्रभाव और संभावित परिणाम
इस निर्णय से हजारों अतिथि शिक्षकों को लाभ मिलेगा, जो केवल प्रमाण पत्र के अभाव में नौकरी पाने से वंचित रह जाते थे। यह आदेश उन शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है, जिन्होंने विभिन्न स्कूलों में पढ़ाया तो है, लेकिन किसी कारणवश वे अपने अनुभव का प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर पा रहे थे।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का यह आदेश शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे योग्य उम्मीदवारों को बिना किसी अनावश्यक बाधा के अवसर मिलेगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूती मिलेगी।