झारखंड सरकार ने राज्य के अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), पिछड़ा वर्ग (BC), अल्पसंख्यक और दिव्यांग युवाओं को आत्मनिर्भर और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना” (jharkhand mukhyamantri rojgar srijan yojana) की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत इन वर्गों के युवाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए सरल शर्तों पर ऋण और उस ऋण पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। योजना का मुख्य उद्देश्य इन युवाओं को आर्थिक सहायता देकर उनके आय सृजन गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
झारखंड मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड राज्य के समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसके माध्यम से वे अपने छोटे व्यवसायों की शुरुआत कर सकते हैं और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। यह योजना विशेष रूप से युवाओं के स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है, ताकि वे विभिन्न प्रकार की आय सृजन गतिविधियों में संलग्न हो सकें।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की मुख्य बातें
क्रम संख्या | मुख्य बिंदु | विवरण |
1 | योजना का नाम | मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना (CMEGP) |
2 | योजना की शुरुआत | झारखंड सरकार द्वारा |
3 | किसने शुरू की | मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन |
4 | योजना का उद्देश्य | अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग, अल्पसंख्यक और दिव्यांग युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण और सब्सिडी प्रदान करना |
5 | लाभार्थी वर्ग | अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, और दिव्यांग युवा |
6 | आर्थिक सहायता | ₹50,000 से ₹25,00,000 तक का ऋण और 40% तक सब्सिडी |
7 | पात्रता | 18 से 50 वर्ष के बेरोजगार युवा, वार्षिक आय ₹5 लाख से कम |
8 | ब्याज दर | 6% प्रतिवर्ष |
9 | विभाग | झारखंड राज्य जनजातीय सहकारी विकास निगम, झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग सहकारी विकास निगम, झारखंड राज्य अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम |
10 | आधिकारिक वेबसाइट | https://cmegp.jharkhand.gov.in |
यह सारणी योजना की प्रमुख जानकारी को सरल और संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करती है।
jharkhand mukhyamantri rojgar srijan yojana की मुख्य बातें
- लाभार्थी वर्ग: अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और दिव्यांग युवा।
- आयु सीमा: 18 से 50 वर्ष तक के बेरोजगार युवा।
- वार्षिक पारिवारिक आय: अधिकतम ₹5 लाख।
- आर्थिक सहायता: ₹50,000 से ₹25,00,000 तक का ऋण।
- सब्सिडी: ऋण राशि का 40% तक।
- ब्याज दर: 6% प्रतिवर्ष।
- गारंटर: ₹50,000 तक के ऋण के लिए गारंटर की आवश्यकता नहीं है, परंतु ₹50,000 से ऊपर के ऋण के लिए एक गारंटर अनिवार्य है।
- मार्जिन मनी: ₹50,000 से अधिक के ऋण पर 10% लाभार्थी योगदान।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना ऋण सहायता और सब्सिडी का ढांचा
ऋण की सीमा | सब्सिडी दर (%) | सब्सिडी राशि (₹) |
₹50,000 तक | 40% | ₹20,000/- |
₹50,001 से ₹2,50,000 तक | 40% | ₹20,000 से ₹1,00,000/- |
₹2,50,001 से ₹5,00,000 तक | 40% | ₹1,00,000 से ₹2,00,000/- |
₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक | 40% | ₹2,00,000 से ₹4,00,000/- |
₹10,00,001 से ₹25,00,000 तक | 40% | ₹4,00,000 से अधिकतम ₹5,00,000/- |
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना पात्रता
इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए पात्रता निम्नलिखित है:
- आवेदक की आयु: 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- स्थायी निवासी: आवेदक को झारखंड राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए, और इसके लिए ऑनलाइन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- आय प्रमाणपत्र: वार्षिक पारिवारिक आय ₹5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- स्व-घोषणा पत्र: आवेदक को सरकारी/अर्ध-सरकारी सेवा में नहीं होना चाहिए और यह प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- ऋण सब्सिडी का लाभ: आवेदक ने पहले किसी अन्य सरकारी संस्था से ऋण सब्सिडी का लाभ नहीं लिया हो, और वह किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान का डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए।
- आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण: यह दस्तावेज़ अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने होंगे।
- प्रोजेक्ट प्रस्ताव: ₹50,001 से अधिक ऋण के लिए एक प्रोजेक्ट प्रस्ताव जमा करना आवश्यक होगा, जिसमें रोजगार सृजन की जानकारी दी जाएगी।
jharkhand mukhyamantri rojgar srijan yojana गारंटी और सुरक्षा
- ₹50,000 तक के ऋण पर: कोई गारंटर की आवश्यकता नहीं है।
- ₹50,000 से अधिक के ऋण पर: एक गारंटर आवश्यक है, जो सरकारी/निजी क्षेत्र में कार्यरत या पूर्व कार्यरत व्यक्ति हो सकता है।
- हाइपोथिकेशन: प्लांट और मशीनरी, वाहन आदि पर ऋण के लिए हाइपोथिकेशन का प्रावधान है।
- चल/अचल संपत्ति: लाभार्थी द्वारा चल/अचल संपत्ति गारंटी के रूप में दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना विशेष प्रावधान
- दिव्यांग व्यक्तियों के लिए: न्यूनतम 40% विकलांगता का प्रमाणपत्र होना आवश्यक है।
- आवश्यक प्रशिक्षण: यदि आवेदक ने प्रस्तावित प्रोजेक्ट से संबंधित कोई प्रशिक्षण प्राप्त किया है, तो उसका प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
- वाहन ऋण: वाहन ऋण के लिए, वाहन का पंजीकरण अनिवार्य होगा और परिवहन विभाग के नियमों का पालन करना होगा।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना झारखंड राज्य के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें स्वरोजगार की दिशा में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से राज्य के पिछड़े वर्गों और दिव्यांग युवाओं को आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ने का अवसर मिलता है। योजना का उद्देश्य न केवल उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक संसाधनों की भी उपलब्धता सुनिश्चित करना है।