केंद्र सरकार द्वारा कोराेना में माता-पिता खो चुके बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान के लिए मिशन वात्सल्य योजना (Mission vatsalya yojana) शुरू की है। इसके तहत 4 हजार रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान है।
वात्सल्य योजना में 18 वर्ष से कम उम्र के ऐसे बच्चे जो कोरोना के तहत माता-पिता खो चुके, बेघर, शोषित, या गरीब परिवारों के बच्चे बीमारी, दुर्घटना या किसी अन्य कारणवश अनाथ हो गए थे, उन्हें वात्सल्य योजना के तहत यह राशि मिलेगी। 24 साल की उम्र तक हर बच्चे को प्रतिमाह 4 हजार रुपए इस योजना में दिए जायेगे। योजना को 1 अप्रेल 2022 को शुरू किया गया था।
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई मिशन वात्सल्य योजना उन बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है जो मुश्किल परिस्थितियों में हैं। यह योजना बच्चों को सुरक्षा, देखभाल और शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है, जिससे उन्हें एक बेहतर भविष्य का निर्माण करने में मदद मिल सके।
2009-10 से पहले, मंत्रालय के तहत तीन योजनाएं कार्यान्वित की जा रही थीं, अर्थात्:
i) देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों और कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों के लिए किशोर न्याय कार्यक्रम;
ii) सड़क पर रहने वाले बच्चों के लिए एकीकृत कार्यक्रम; और
iii) बच्चों के लिए घरों (शिशु गृह) की सहायता के लिए योजना।
सभी तीन योजनाओं को एकीकृत बाल संरक्षण योजना (आईसीपीएस) नामक एक केंद्र प्रायोजित योजना में शामिल किया गया था। आईसीपीएस को मंत्रालय द्वारा 2009-2010 से लागू किया गया था। 2017 में इस योजना का नाम बदलकर “बाल संरक्षण सेवाएँ” योजना कर दिया गया। सीपीएस योजना को अब 2021-22 से मिशन वात्सल्य योजना के तहत शामिल कर दिया गया है।
वात्सल्य योजना के उद्देश्य
- बच्चों की सुरक्षा और देखभाल: यह योजना उन बच्चों की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करती है जो मुश्किल परिस्थितियों में हैं, जैसे कि अनाथ, बेघर, शोषित, या गरीब परिवारों से हैं।
- संस्थागत और गैर-संस्थागत देखभाल: यह योजना बच्चों के लिए संस्थागत और गैर-संस्थागत दोनों तरह की देखभाल प्रदान करती है।
- बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाना: यह योजना बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए काम करती है।
PM vatsalya yojana मुख्यबाते
योजना का नाम | मिशन वात्सल्य योजना |
विभाग | महिला एवं बाल विकास मंत्रालय |
सहायता | भारत सरकार |
योजना की शुरुआत | 1 अप्रेल 2022 |
लाभ | 4000 रु प्रतिमाह |
आधिकारिक वेबसाइट | https://missionvatsalya.cg.gov.in/ |
पीएम वात्सल्य योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करे
योजना के तहत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आपको जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय जाना होगा। वहा पर आपको अनाथ बच्चे के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करनी होगी।
जरुरी दस्तावेज –
- आधार कार्ड
- माता-पिता का आधार कार्ड (लावारिस की स्थिति में जरुरी नहीं)
- निवास प्रमाण पत्र आदि
वात्सल्य योजना के मुख्य घटक
- संवैधानिक निकायों को मजबूत बनाना: बाल कल्याण समितियों (CWC) और जिला बाल संरक्षण इकाइयों (DCPU) को मजबूत बनाना।
- सेवा वितरण ढांचे को मजबूत बनाना: बाल देखभाल संस्थानों और सेवाओं को बेहतर बनाना।
- संस्थागत देखभाल को बेहतर बनाना: बाल देखभाल संस्थानों में बच्चों के लिए रहने और देखभाल की सुविधाओं को बेहतर बनाना।
- गैर-संस्थागत समुदाय आधारित देखभाल को बढ़ावा देना: बच्चों को उनके परिवारों और समुदायों में रहने के लिए प्रोत्साहित करना।
- आपातकालीन सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना: बच्चों को आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना।
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: बाल संरक्षण से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण प्रदान करना।
वात्सल्य योजना के लाभ
- बच्चों की सुरक्षा और देखभाल में सुधार: यह योजना बच्चों की सुरक्षा और देखभाल में सुधार करती है।
- बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाना: यह योजना बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाती है।
- बच्चों के अधिकारों की रक्षा: यह योजना बच्चों के अधिकारों की रक्षा करती है।
पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना के तहत मिशन वात्सल्य योजना में
गैर-संस्थागत देखभाल के लिए रुपये की दर से वित्तीय सहायता। मिशन वात्सल्य योजना के तहत बच्चों को (अभिभावक के खाते में) 4000/- प्रति माह प्रति बच्चा प्रदान किया जाएगा। संस्थागत देखभाल में बच्चे के लिए, रखरखाव अनुदान @ रु. मिशन वात्सल्य योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों को प्रति माह 3000/- रुपये दिए जाएंगे। राज्य योजना के तहत जीवन निर्वाह सहायता के लिए कोई भी प्रावधान बच्चों को अतिरिक्त रूप से प्रदान किया जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए पढ़े – https://missionvatsalya.wcd.gov.in/public/pdf/children-related-law/vatsalyaguideline.pdf
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