शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई – National Council for Teacher Education) ने बीएड (Bachelor of Education) कोर्स की अवधि को दो साल से घटाकर एक साल करने की घोषणा की है। यह बदलाव 2026-27 के शैक्षणिक सत्र से लागू होगा। इस परिवर्तन का उद्देश्य शिक्षकों की संख्या बढ़ाना और शिक्षण क्षेत्र में गुणवत्ता सुधारना है। इस कदम से उन छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा, जिन्होंने चार वर्षीय ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है और शिक्षक बनने की इच्छा रखते हैं।
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देश की शिक्षा नीति में बड़ा सुधार
2015 से पहले बीएड कोर्स (BEd Course) की अवधि एक साल की होती थी, लेकिन एनसीटीई ने इसे बढ़ाकर दो साल कर दिया था। अब एक बार फिर से इसे घटाकर एक साल किया जा रहा है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाना है।
यह नियम मध्यप्रदेश राज्य में लागू होने के साथ देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जायेगा।
मध्यप्रदेश में बीएड कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया और पात्रता
बीएड कोर्स में प्रवेश (BEd Admission) के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:
- अब यह कोर्स केवल उन छात्रों के लिए होगा, जिन्होंने चार वर्षीय ग्रेजुएशन (Four-Year Graduation) पूरा कर लिया है।
- यह कोर्स एमएड (Master of Education) के लिए भी लाभदायक होगा, क्योंकि अब एमएड की डिग्री भी एक साल में पूरी की जा सकेगी।
- ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को भी इस कोर्स में जोड़ा जाएगा, जिससे छात्रों को लचीलापन मिलेगा।
बीएड एडमिशन प्रक्रिया में वृद्धि
इस बदलाव से बीएड कोर्स में एडमिशन की संख्या बढ़ने की संभावना है। मध्यप्रदेश अशासकीय शिक्षा महाविद्यालय संघ के अध्यक्ष डॉ. रामस्वरूप शर्मा ने बताया कि बीएड की अवधि दो साल होने के कारण कई छात्रों को कठिनाई हो रही थी, लेकिन अब एक वर्षीय कोर्स से अधिक छात्र इसमें प्रवेश ले सकेंगे।
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इंदौर में कुल 35 बीएड कॉलेज हैं, जिनमें 3800 सीटें उपलब्ध हैं। प्रदेशभर में DAVV से संबद्ध कुल 65 कॉलेज हैं, जिनमें कुल 6800 सीटें हैं। नई नीति लागू होने के बाद एडमिशन की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
एमएड में भी एक साल का विकल्प
अब एमएड की डिग्री (Med Degree) भी एक साल में पूरी की जा सकेगी। पहले एमएड कोर्स दो साल का था, लेकिन नए नियम के तहत अब इसे भी एक साल में पूरा किया जा सकता है। इसके लिए कॉलेज संचालकों को नए पाठ्यक्रम को अपनाना होगा।
नई शिक्षा प्रणाली के लाभ
लाभ | विवरण |
---|---|
समय की बचत | छात्रों को अब दो साल के बजाय एक साल में ही बीएड पूरा करने का अवसर मिलेगा। |
तेजी से रोजगार प्राप्ति | शिक्षक बनने की प्रक्रिया तेज होगी, जिससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। |
अधिक एडमिशन | बीएड में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी। |
एमएड में नए अवसर | अब एमएड भी एक साल में पूरा किया जा सकेगा, जिससे उच्च शिक्षा प्राप्त करना आसान होगा। |
ऑनलाइन शिक्षा का समावेश | नई नीति के तहत ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र भी लाभान्वित होंगे। |
शिक्षा जगत की प्रतिक्रिया
इस बदलाव को लेकर शिक्षा विशेषज्ञों की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है और शिक्षकों की संख्या बढ़ाने में मदद करेगा। वहीं, कुछ शिक्षाविदों को चिंता है कि एक साल की अवधि में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक प्रशिक्षण संभव नहीं हो पाएगा।
हालांकि, सरकार का कहना है कि पाठ्यक्रम को इस प्रकार डिज़ाइन किया जाएगा कि एक साल की अवधि में भी छात्र पूरी तरह से प्रशिक्षित हो सकें और स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रदान कर सकें।
एनसीटीई द्वारा बीएड कोर्स की अवधि को घटाकर एक साल करने का निर्णय शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा प्रणाली में दक्षता भी आएगी। हालांकि, इस निर्णय को प्रभावी बनाने के लिए सरकार और शिक्षण संस्थानों को मिलकर काम करना होगा, ताकि छात्रों को सर्वोत्तम प्रशिक्षण मिल सके और वे भविष्य में एक सफल शिक्षक बन सकें।
यह नई नीति 2026-27 से लागू होगी, जिससे लाखों छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।