मध्य प्रदेश: प्रदेश में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा (MP KG Admission 2024) में एडमिशन को लेकर प्रदेश सरकार ने राहत भरा फैसला लिया है। नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों की न्यूनतम उम्र को लेकर जारी गाइडलाइन में संशोधन किया गया है। यह बदलाव राज्य के बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए राहत की खबर लेकर आया है। नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों की न्यूनतम आयु के संबंध में गाइडलाइन में संशोधन किया गया है, जो आगामी शिक्षा सत्र से लागू होगा।
नए नियमों की प्रमुख बातें
अब, पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु की गणना 30 सितंबर, 2024 से की जाएगी। इसका तात्पर्य है कि 30 सितंबर तक जन्मे बच्चे पहली कक्षा में प्रवेश ले सकेंगे।
विवरण | पहले के नियम | नए नियम |
---|---|---|
नर्सरी, केजी-1, केजी-2 | आयु गणना 1 अप्रैल, 2024 से | आयु गणना 31 जुलाई, 2024 से |
पहली कक्षा | आयु गणना 1 अप्रैल, 2024 से | आयु गणना 30 सितंबर, 2024 से |
नए नियम क्या हैं?
- नर्सरी, केजी-1 और केजी-2: इन कक्षाओं में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु की गणना अब 1 अप्रैल, 2024 के बजाय 31 जुलाई, 2024 से की जाएगी।
- पहली कक्षा: पहली कक्षा में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु की गणना अब 1 अप्रैल, 2024 के बजाय 30 सितंबर, 2024 से की जाएगी। यानी 30 सितंबर तक जन्मे बच्चे भी पहली कक्षा में प्रवेश ले सकेंगे।
क्यों किया गया यह बदलाव?
इससे पहले, स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा था कि पहली कक्षा में प्रवेश के लिए बच्चों की आयु 1 अप्रैल, 2024 को 6 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। इस नियम के कारण, 1 अप्रैल के बाद जन्मे कई बच्चे प्रवेश से वंचित रह गए थे। स्कूल, कुछ महीने या दिन की उम्र कम होने पर प्रवेश देने से इनकार कर रहे थे।
कब से लागू होंगे ये नए नियम?
स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह ने 23 जुलाई को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
बदलाव की आवश्यकता और प्रभाव:
यह बदलाव बच्चों के लिए अनुकूलित शिक्षा का अवसर प्रदान करेगा और अभिभावकों को भी सुविधा देगा। इससे उन बच्चों को भी स्कूल में दाखिला मिलने का मौका मिलेगा जिनकी जन्मतिथि 1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच आती है, जो पहले के नियमों में नहीं आता था। यह कदम बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में शामिल होने की संभावना को बढ़ाता है और शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसरों को सुनिश्चित करता है।
अभिभावकों के लिए यह बदलाव निश्चित रूप से एक राहत की बात है, क्योंकि अब उन्हें अपने बच्चों की आयु के अनुसार सही कक्षा में दाखिला दिलाने के लिए अधिक समय मिलेगा। इसके अतिरिक्त, यह कदम शिक्षा प्रणाली में सुधार और विस्तार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जो सभी बच्चों को एक समान प्रारंभिक शिक्षा का अवसर प्रदान करेगा।
इस प्रकार, मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय न केवल बच्चों और अभिभावकों के लिए लाभकारी है, बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।