मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल ने महिला स्व-सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके लिए “सावित्री बाई फुले स्व सहायता समूह योजना” शुरू की गयी है। इस योजना के तहत, प्रत्येक महिला स्व-सहायता समूह को अधिकतम 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, प्रति महिला सदस्य 10 हजार रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा। योजना के तहत समूहों को 31 अगस्त तक आवेदन जमा करने का अंतिम अवसर दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके व्यापारिक उपक्रमों को स्थापित करने में सहायता प्रदान करना है।
सावित्री बाई फुले स्व सहायता समूह योजना का उद्देश्य
इस योजना के माध्यम से, महिलाएं विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प, लघु कुटीर उद्योग एवं उत्पादकता से संबंधित कार्यों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती हैं। यह पहल महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।
MP स्व सहायता समूह योजना मुख्य बाते
मुख्य बातें | विवरण |
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योजना का उद्देश्य | अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके व्यापारिक उपक्रमों को स्थापित करने में सहायता प्रदान करना |
आवेदन की अंतिम तिथि | 31 अगस्त |
ऋण की अधिकतम सीमा | 20 लाख रुपये |
प्रति महिला सदस्य अनुदान | 10 हजार रुपये |
लाभार्थी समूह | महिला स्व-सहायता समूह |
उपयोग के क्षेत्र | हस्तशिल्प, लघु कुटीर उद्योग, उत्पादकता से संबंधित कार्य |
आवेदन प्रक्रिया | सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन जमा करना |
योजना का प्रबंधन | राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल द्वारा |
सावित्री बाई फुले स्व सहायता समूह योजना ऋण की सीमा और शर्तें
इस योजना के तहत, प्रत्येक महिला स्व-सहायता समूह को अधिकतम 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, प्रति महिला सदस्य 10 हजार रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा। यह वित्तीय सहायता महिलाओं को उनके व्यवसाय को बढ़ाने और नए उपक्रम शुरू करने में मदद करेगी।
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सावित्री बाई फुले स्व सहायता समूह योजना आवेदन प्रक्रिया
आवेदन करने के लिए समूहों को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ 31 अगस्त तक अपना आवेदन जमा करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि समूह सभी मानदंडों को पूरा करता है, आवश्यक दस्तावेजों का पूरा सेट संलग्न करना अनिवार्य होगा। अधिक जानकारी के लिए अपने गांव या नगर के स्व सहायता समूहों से सम्पर्क करे।
निष्कर्ष
यह योजना मध्य प्रदेश राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग की महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है। इसे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लाया गया है, बल्कि इससे उनके आत्मविश्वास और सामाजिक स्थिति में भी सुधार होने की संभावना है। महिला स्व-सहायता समूहों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और अपने आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।