राष्ट्रीय बायोगैस योजना (National Biogas Scheme -NBGS) या गोबर गैस योजना प्लांट (Gobar Gas Yojana Plant) एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस संयंत्रों को बढ़ावा देना है। गोबर गैस योजना के तहत, किसानों को बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की संख्या अधिक है। इन क्षेत्रों में ऊर्जा की कमी एक बड़ी समस्या है। पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे लकड़ी, गोबर और कोयले का उपयोग जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसे पर्यावरणीय समस्याओं का कारण बन रहा है।
राष्ट्रीय बायोगेस योजना 2023 (Gobar gas yojana)
राष्ट्रीय बायोगेस योजना एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारत सरकार ने ऊर्जा स्वावलंबीता बनाने के लिए अपारंपारिक नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोतों का उपयोग करने के उद्देश्य से शुरू की है। यह योजना पर्यावरण की सुरक्षा, फसल उत्पादन, बायप्रोडक्ट बनाने हेतु सस्ता एवं सुलभ ईधन उपलब्ध कराना, गोबरखाद का समुचित उपयोग करना, और उत्तम पचा हुआ खाद कृषि हेतु ऊर्जा स्वावलंबी बनाने का प्रयास कर रही है। इसके तहत, भारत सरकार ने बायोगैस संयंत्र निर्माण को सशक्त करने और किसानों को ऊर्जा स्वावलंबी बनाने के लिए अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
गोबर गैस योजना के उद्देश्य
राष्ट्रीय बायोगैस योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की कमी को दूर करना
- पर्यावरण की सुरक्षा करना
- कृषि उत्पादकता में सुधार करना
- किसानों की आय बढ़ाना
- अपारंपारिक ऊर्जा स्त्रोत का अधिक से अधिक उपयोग: राष्ट्रीय बायोगेस योजना का प्रमुख उद्देश्य है अपारंपारिक नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोतों का उपयोग बढ़ाना, जिससे भारत स्वावलंबी और साफ ऊर्जा स्रोतों की दिशा में कदम बढ़ा सके।
- पर्यावरण की सुरक्षा: यह योजना पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है। बायोगैस संयंत्रों के माध्यम से उर्जा उत्पादन करते समय प्रदूषण की तीसरी ग्रेड कम होता है, जिससे वायुमंडल और जलवायु को सुरक्षित रखा जा सकता है।
- फसल उत्पादन हेतु बाईप्रोडक्ट: बायोगैस संयंत्रों से उत्पन्न होने वाला बाईप्रोडक्ट किसानों के लिए मूल खाद के रूप में उपयोगी होता है, जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ सकता है।
- गोबरखाद का समुचित उपयोग: गोबरखाद बनाने के लिए बायोगैस संयंत्रों के उपयोग से इसे बेहतर तरीके से प्राप्त किया जा सकता है, जो कृषि के लिए महत्वपूर्ण है।
- बायोगैस से प्रकाश उपलब्ध करना: बायोगैस संयंत्रों से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा का उपयोग प्रकाश उत्पादन में किया जा सकता है, जिससे सड़कों, गाँवों, और शहरों में प्रकाश की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है।
- उत्तम पचा हुआ खाद कृषि हेतु उपलब्ध करना: बायोगैस संयंत्रों से निर्मित खाद का उपयोग कृषि में किया जा सकता है, जिससे भूमि की उर्वरता बनाए रखने में मदद मिलती है।
गोबर गैस योजना मुख्यबाते
योजना का नाम | राष्ट्रीय बायोगैस योजना (National Biogas Scheme -NBGS) |
विभाग | नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय |
अनुदान | भारत सरकार |
आवेदन | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
पात्रता | पशुपालक |
आधिकारिक वेबसाइट | biogas.mnre.gov.in |
सब्सिडी लिस्ट | https://biogas.mnre.gov.in/about-the-programmes |
बायोगैस संयंत्र से 5 व्यक्तियों के परिवार के लिए पर्याप्त ऊर्जा और खाद
ऊर्जा: बायोगैस संयंत्र से 5 व्यक्तियों के परिवार के लिए प्रतिदिन लगभग 12 किलोग्राम खाना पकाने के लिए पर्याप्त गैस मिलती है। इसके अलावा, यह गैस 1 लैम्प को 4 से 5 घंटे तक रोशनी भी दे सकती है। इस तरह, बायोगैस संयंत्र से प्रतिवर्ष लगभग 18 एलपीजी सिलेण्डरों के समतुल्य ऊर्जा प्राप्त होती है।
खाद: बायोगैस संयंत्र से प्रतिवर्ष लगभग 6 टन उच्च गुणवत्ता की जैविक खाद प्राप्त होती है। यह खाद मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने में मदद करती है और फसलों की पैदावार बढ़ाती है।
कुल मिलाकर, बायोगैस संयंत्र एक किफायती और टिकाऊ ऊर्जा और खाद स्रोत है। यह ग्रामीण परिवारों को ऊर्जा की कमी और खाद की समस्या को हल करने में मदद करता है।
- बायोगैस संयंत्र को चलाने के लिए गोबर, कृषि अपशिष्ट और अन्य जैविक पदार्थों का उपयोग किया जाता है।
- बायोगैस संयंत्र को स्थापित करने के लिए सरकार सब्सिडी प्रदान करती है।
- गोबर गैस संयंत्र से निकलने वाला जैव अपशिष्ट एक अच्छी तरह से संतुलित उर्वरक है जो सभी प्रकार की फसलों के लिए उपयुक्त है।
गोबर गैस योजना के लाभ (Gobar gas yojana benefits)
- यह ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की कमी को दूर करने में मदद करती है।
- यह पर्यावरण की सुरक्षा में योगदान करती है।
- यह कृषि उत्पादकता में सुधार करती है।
- यह किसानों की आय बढ़ाती है।
राष्ट्रीय बायोगैस योजना की उपलब्धियां
राष्ट्रीय बायोगैस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस संयंत्रों की संख्या में वृद्धि की है। इस योजना के तहत, भारत में 15 लाख से अधिक बायोगैस संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
बायोगैस संयंत्र योजना आवेदन करने के लिए जरुरी दस्तावेज
- आवेदक का फोटो
- भूमि संबंधी प्रमाण – पत्र
- जाति प्रमाण – पत्र
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
राष्ट्रीय बायोगेस योजना 2023 ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
Gobar gas yojana online registration: आपके बायोगैस संयंत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं का पालन करें:
- आधिकारिक वेबसाइट पहुंचें: बायोगैस संयंत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://biogas.mnre.gov.in/ पर जाएं।
- पंजीकरण करें: वेबसाइट पर पंजीकरण के लिए विशेष आवश्यकता होगी। यहां पर आपको अपनी व्यक्तिगत और किसान विवरण प्रदान करना होगा।
- ऑनलाइन आवेदन सबमिट करें: पंजीकरण पूरा होने के बाद, वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें और सबमिट करें। यह फॉर्म आपके बायोगैस संयंत्र के निर्माण और संचालन के लिए आवश्यक विवरण की मांग करेगा।
- क्रेडिट और अनुदान की स्वीकृति: आपके आवेदन के परिणामस्वरूप, आपके क्रेडिट और अनुदान की स्वीकृति की प्रक्रिया का आगे का निर्णय लिया जाएगा।
- आवश्यक दस्तावेजों की प्रस्तुति: आपके आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेजों की प्रस्तुति करें, जैसे कि किसान की पहचान प्रमाणपत्र, ज़मीन का प्रमाण, और अन्य साक्षरता प्रमाणपत्र आदि।
- प्रमाणन प्राप्त करें: आपके आवेदन के प्रमाणन के बाद, आपके बायोगैस संयंत्र की निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी और अनुदान का लाभ दिया जाएगा।
गोबर गैस योजना ऑनलाइन आवेदन का विवरण एवं पात्रता
इस योजना के अंतर्गत, बायोगैस संयंत्र निर्माण को सशक्त करने के लिए विभिन्न प्रत्येक घटकपात्रता की आवश्यकता है:
- बायोगैस वह हितग्राही: इस योजना के तहत, वे हितग्राही शामिल होते हैं जिनके पास 2 से 5 पशुओं की संख्या होती है।
- केन्द्रीय अनुदान दरों में परिवर्तन: भारत सरकार ने 2018-19 के भारत सरकार नवी एवं नवकरणीय उर्जा मंत्रालय की दिशा में बायोगैस संयंत्र निर्माण के लिए केन्द्रीय अनुदान दरों में परिवर्तन किया है।
- अनुदान की मात्रा: सामान्य श्रेणी के हितग्राहियों को 1 घन मीटर के बायोगैस संयंत्र निर्माण के लिए 7500/- रुपये दिए जाएंगे, 2 से 6 घन मीटर की क्षमता वाले बायोगैस संयंत्र के लिए 12000/- से 20000 रुपये तक दिए जाएंगे।
- आदिवासी अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति कृषकों को विशेष लाभ: आदिवासी और अनुसूचित जाति के किसानों को 1 घन मीटर की बायोगैस संयंत्र के लिए 10000/- रुपये और 2 से 6 घन मीटर की क्षमता वाले बायोगैस संयंत्र के लिए 13000/- से 22000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
- क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क: योजना के लाभ प्राप्त करने और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, हितग्राहियों को अपने क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क करना चाहिए।
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सोलर रूफटॉप योजना ऑनलाइन आवेदन
बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए, आप अपने स्थानीय कृषि विभाग या बायोगैस संयंत्र निर्माता से संपर्क कर सकते हैं।
राष्ट्रीय बायोगैस योजना के लिए सुझाव
राष्ट्रीय बायोगैस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:
- किसानों को बायोगैस संयंत्रों के बारे में अधिक जागरूक किया जाना चाहिए।
- बायोगैस संयंत्रों की तकनीकी समस्याओं को दूर किया जाना चाहिए।
- बायोगैस संयंत्रों के रखरखाव के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- बायोगैस संयंत्रों के उपयोग में नवाचार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
इन सुझावों को लागू करके, राष्ट्रीय बायोगैस योजना को और अधिक सफल बनाया जा सकता है।
राष्ट्रीय बायोगेस योजना एक ऐसा कदम है जो भारत को अपारंपारिक नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोतों की दिशा में अग्रसर करने में मदद करेगा, पर्यावरण को सुरक्षित रखेगा, और किसानों को साफ और सुलभ ऊर्जा के स्रोत उपलब्ध कराएगा। इसके माध्यम से, हम एक सुस्त और सुलभ ऊर्जा के साथ बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।