Samagra eKYC Status Check Online: समग्र ई-केवायसी एक महत्वपूर्ण पहल है जो विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया को सरल बनाती है. यह एक तरह का डिजिटल पहचान पत्र है जो व्यक्ति की बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक जानकारी को संग्रहित करता है.
यदि आपने समग्र ई-केवायसी के लिए आवेदन किया है और आप अपनी स्थिति जानना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित दो तरीकों से ऐसा कर सकते हैं:
तरीका 1: समग्र की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से
- वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले, आपको समग्र की आधिकारिक वेबसाइट samagra.gov.in पर जाना होगा.
- ई-केवायसी स्थिति लिंक: यहां आपको “ई-केवायसी और डीबीटी की स्थिति जानें” या इसी तरह का एक लिंक मिलेगा. इस लिंक https://samagra.gov.in/Home/NPCIStatus.aspx पर क्लिक करें.
- समग्र सदस्य नंबर दर्ज करें: अब आपको अपनी समग्र सदस्य संख्या दर्ज करनी होगी. यह संख्या आपको आवेदन करते समय प्रदान की गई होगी.
- स्थिति देखें: अपनी समग्र सदस्य संख्या दर्ज करने के बाद, आप अपनी ई-केवायसी की स्थिति देख पाएंगे.
तरीका 2: समग्र आईडी द्वारा अनुरोध खोजें
- वेबसाइट पर जाएं: फिर से, समग्र की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
- अनुरोध खोजें लिंक: यहां आपको “समग्र आईडी द्वारा अनुरोध खोजें” या इसी तरह का एक लिंक मिलेगा. इस लिंक https://samagra.gov.in/Citizen/RFC/SearchRequestbyFamilyId.aspx पर क्लिक करें.
- समग्र सदस्य नंबर दर्ज करें: अब आपको अपनी समग्र सदस्य संख्या दर्ज करनी होगी.
- स्थिति देखें: अपनी समग्र सदस्य संख्या दर्ज करने के बाद, आप अपनी ई-केवायसी के अनुरोध की स्थिति देख पाएंगे.
ध्यान दें:
- सही जानकारी: सुनिश्चित करें कि आप सही समग्र सदस्य संख्या दर्ज कर रहे हैं.
- इंटरनेट कनेक्शन: एक स्थिर इंटरनेट कनेक्शन सुनिश्चित करें.
- सहायता: यदि आपको किसी भी समस्या का सामना हो रहा है, तो आप समग्र की हेल्पलाइन पर संपर्क कर सकते हैं.
अतिरिक्त जानकारी:
- समग्र आईडी क्या है: समग्र आईडी एक अद्वितीय पहचान संख्या है जो प्रत्येक व्यक्ति को दी जाती है. यह विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं के लिए उपयोग की जाती है.
- ई-केवायसी क्या है: ई-केवायसी एक इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया है जो व्यक्ति की पहचान को डिजिटल रूप से सत्यापित करती है.
- डीबीटी क्या है: डीबीटी (Direct Benefit Transfer) एक सरकारी योजना है जिसके तहत लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में धनराशि हस्तांतरित की जाती है.