सर्व शिक्षा अभियान (Sarva Shiksha Abhiyan) एक महत्वपूर्ण शिक्षा पहल है जो समाज में शिक्षा के अधिकार को प्रबलीकरण करने पर जोर देती है। इसके तहत 6-14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को समयबद्ध तरीके से मुफ्त और अनिवार्य बुनियादी शिक्षा प्रदान की जाती है। जिसमें उन्हें पढ़ाई, लेखन, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और अन्य महत्वपूर्ण विषयों का ज्ञान प्राप्त होता है। यह अभियान स्वतंत्रता, समानता, और बाल विकास के मूल्यों को प्रोत्साहित करता है।
सर्व शिक्षा अभियान योजना
इस अभियान की शुरूआत पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा 2001 में की गयी। जिसके तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना एवं 2010 तक संतोषजनक गुणवत्ता वाली प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण को प्राप्त करना था। इस कार्यक्रम को अब आगे के वर्षो के लिए बढ़ाया गया है।
सर्व शिक्षा अभियान (Sarva Shiksha Abhiyan- SSA) – मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इस अभियान को शिक्षा मंत्रालय के अधीन 2018 में राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में विलय किया गया। इसे अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत और व्यापक बनाने का अभियान चल रहा है। यह अभियान शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाओं, विद्यालयों, शिक्षकों, और शैक्षिक सामग्री के मानकों को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है।
सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) समयबद्ध तरीके से प्रारंभिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण (Universalization of Elementary Education – UEE) की उपलब्धि के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम है। भारत के संविधान में 86 वें संशोधन द्वारा 6-14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का मौलिक अधिकार प्राप्त है।
Sarva Shiksha Abhiyan का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 से 14 साल के बच्चों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना।
- 6-14 वर्ष की उम्र के सभी बच्चे 2003 तक स्कूल/शिक्षा गारंटी केंद्र/ब्रिज कोर्स में शामिल करना।
- 2007 तक प्राथमिक शिक्षा का 5 साल पूरा करना और
- 2010 तक स्कूली शिक्षा का 8 साल पूरा करना एवं सभी लैंगिक और सामाजिक अंतर को समाप्त करना।
सर्व शिक्षा अभियान मुख्य बाते
योजना का नाम | सर्व शिक्षा अभियान |
सिद्धांत | सबके लिए शिक्षा, सब पढ़े सब बड़े |
मंत्रालय | शिक्षा मंत्रालय |
शुभारम्भ | पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी |
वर्ष | 2001 |
वित्त पोषित | केंद्र सरकार |
स्थिति | 2018 में राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में विलय |
आधिकारिक वेबसाइट | www.ssa.nic.in |
सर्व शिक्षा अभियान मुख्य बिंदु
- सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रावधान के माध्यम से सभी बच्चों को मानवीय क्षमताओं में सुधार करना।
- पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी शिक्षा प्रदान करना।
- “स्कूल चलें हम” कविता सर्व शिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिए महबूब द्वारा लिखी गई थी।
- पढ़े भारत बढ़े भारत (Padhe Bharat Badhe Bharat) सर्व शिक्षा अभियान का एक राष्ट्रव्यापी उप-कार्यक्रम है।
- जो बच्चे प्रारंभिक शिक्षा कक्षा 1 एवं 2 में पढ़ने में असफल हो जाते हैं। उन्हें पढ़े भारत बढ़े भारत कार्यक्रम में शामिल कर आगे बढ़ाया जाता है।
- 2018 में, समग्र शिक्षा अभियान में सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और शिक्षक शिक्षा (टीई) की तीन पूर्ववर्ती योजनाओं को शामिल किया गया है।
स्कूल चलें हम – सर्व शिक्षा अभियान के किस्से
अटल बिहारी बाजपेई जी ने 2001 में सर्व शिक्षा अभियान योजना शुरू की। योजना का लोगो हर प्राइमरी स्कूल की दीवार पर पेंट से बनाया जाता था। इस लोगो में एक बालक और बालिका दिखते थे, पेंसिल पर बैठे हुए। पेंसिल के निचे लिखे होता है – सब पढ़े सब बड़े।
ये गाना दूरदर्शन पर आता था, जिसे सुनकर कोई भी शख्स इमोशनल हो सकता है।
ओहो हो ओहो हो हो हो…
सवेरे सवेरे यारों से मिलने
बन ठन के निकले हम
सवेरे सवेरे यारों से मिलने
घर से दूर चले हम
रोके से ना रुके हम
मर्ज़ी से चलें हम
बादल सा गरजें हम
सावन सा बरसे हम
सूरज सा चमके हम
स्कूल चलें हम
स्कूल चलें हम
ओहो हो ओहो हो हो हो…
इसके दरवाज़े से दुनिया के राज़ खुलते हैं
कोई आगे चलता है हम पीछे चलते हैं
दीवारों पे किस्मत अपनी लिखी जाती है
इस से हमको जीने की वजह मिलती जाती है