क्या आप आपने खेत, जमीन का मृदा परीक्षण करवाना चाहते है? मृदा स्वास्थ्य कार्ड क्या है, यह बहुत आसान प्रक्रिया है। मृदा परिक्षण से आपके जमीन की गुणवत्ता का पता चलता है। जिससे आप अपने फसल उत्पादन में कई गुना वृद्धि कर सकते है। Soil health card एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के द्वारा Soil Health Card Download तथा soil health card apply कर सकते है। सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम या मृदा स्वास्थ्य कार्ड ऑनलाइन आवेदन आप आधिकारिक वेबसाइट से कर सकते है। Soil health card scheme भारत सरकार की प्रमुख योजना है इस स्किम के तहत soil health card parameters जाँच करने के बाद mrida swasthya card प्रदान किया जाता है। Soil health card sample दिए जाने के बाद soil health card report दी जाती है। Soil health card district wise report आप soil health card check online कर सकते है।
इस लेख में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना आवेदन प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। इसलिए इस लेख को अच्छे से पढ़े। ताकि आप मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ मिल उठा सके।
Soil Health Card Download 2024
देश में फसल उत्पादन में वृद्धि के लिए बहुत सारी रासायनिक दवाइयों और खाद का प्रयोग किया जाता है। जिससे मिट्टी की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जिससे मिट्टी के पोषक तत्व घटने लगते है। एवं उत्पादन में भी कमी होने लगती है। इसलिए खेतो में समय-समय पर जैविक खाद एवं गोबर खाद का प्रयोग करते रहना चाहिए। जिससे मिट्टी की पोषक तत्व बना रहे। लेकिन इसके साथ ही किसान भाइयो को अपने खेत की मृदा परिक्षण पर भी ध्यान देना चाहिए।
मृदा परीक्षण क्यों जरुरी है?
मिट्टी परिक्षण से हमे यह पता चलता है की जमीन में कोन से पोषक तत्वों की कमी है। जिससे फसल उत्पादन में कमी हो रही है। यदि किसान भाई अपने खेत की जमीन का मृदा स्वास्थ्य कार्ड (mrida swasthya card) बनवा लेते है तो उसे अपनी जमीन में पोषक तत्वों की जानकारी मिल जाएगी। जिससे वह खेत में सही उर्वरक पोषक तत्वों का प्रयोग कर, फसल उत्पादन में वृद्धि कर सकते है।
योजना का नाम | मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना |
विभाग | कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार |
योजना प्रकार | भारत सरकार |
आवेदन | Available |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन / ऑफलाइन |
वर्ष | 2024 |
आधिकारिक वेबसाइट | www.soilhealth.dac.gov.in |
मृदा स्वास्थ्य कार्ड क्या है?
यह भारत सरकार, कृषि मंत्रालय, कृषि एवं सहकारिता विभाग के द्वारा चलाई जा रही एक योजना है। सॉयल हैल्थ कार्ड (एसएचसी) योजना का कार्यान्वयन सभी राज्य एवं केंद्र शासित सरकारों के कृषि विभागों के माध्यम से किया जाता है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उद्देश्य प्रत्येक किसान को उसके खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों की स्थिति की जानकारी देना है और उन्हें उर्वरकों की सही मात्रा के प्रयोग और आवश्यक सॉयल सुधारों के संबंध में भी सलाह देना है ताकि लंबी समय तक मिट्टी के स्वास्थ्य को कायम रखा जा सके।
सॉयल हैल्थ कार्ड (एसएचसी) क्या है?
मृदा स्वास्थ्य कार्ड एक प्रिंटिड रिपोर्ट है जिसे किसान को उसके प्रत्येक जोतों के लिए दिया जाएगा। इसमें 12 पैरामीटरों जैसे एनपीके (मुख्य-पोषक तत्व); सल्फर (गौण-पोषक तत्व); जिंक, फेरस, कॉपर, मैगनीशियम, बोरॉन (सूक्ष्म-पोषक तत्व) ; और पीएच, इसी, ओसी (भौतिक पैरामीटर) के संबंध में मिट्टी की जानकरी दी जाती है। इसके आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में खेती के लिए अपेक्षित मिट्टी सुधार और उर्वरक प्रयोगो की जानकारी भी दी जाती है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना आवेदन प्रक्रिया
मिट्टी का परिक्षण देश के सभी राज्य एवं केंद्र शासित सरकारों के कृषि विभागों के माध्यम से किया जाता है। राज्य कृषि विभाग, राज्य मुद्रा परीक्षण प्रयोगशालाएं या जिला कृषि कार्यालय में जाकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं मृदा परीक्षण के लिए आवेदन कर सकते है।
अपने जिले की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला खोजे
मृदा स्वास्थ्य कार्ड आधिकारिक soilhealth.dac.gov.in वेबसाइट पर जाएं। इसके बाद ‘किसान के कॉर्नर’ कॉलम में – मृदा परीक्षण प्रयोगशाला खोजें लिंक पर क्लिक करे। अपना राज्य एवं जिला चुन कर view report लिंक पर क्लिक करे। आपको अपने जिले की मृदा परीक्षण प्रयोगशाल की सूचि मिल जाएगी।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड का प्रयोग किसान किस प्रकार कर सकता है?
सॉइल कार्ड (soil card) में किसान के जोत की मिट्टी पोषक तत्व स्थिति के आधार पर सलाह होती है। इसमें विभिन्न आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा के संबंध में प्रयोगो को दशौया जाता है। इसके अलावा इसमें किसानों को उर्वरकों और उसकी मात्रा के संबंध में सलाह दी जाती है जिसका उन्हें प्रयोग करना चाहिए और मृदा सुधारकों की भी स्थिति के बारे में सलाह दी जाएगी जिसे उन्हें प्रयोग करना चाहिए जिससे कि उपज का सही लाभ प्राप्त किया जा सके।
क्या किसान प्रत्येक वर्ष ओर प्रत्येक फसल के लिए एक कार्ड प्राप्त करेंगे?
सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम (soil health card scheme) के तहत यह प्रत्येक 3 वर्ष के अंतराल के बाद उपलब्ध कराया जाएगा, जो उस अवधि के लिए किसान की जोत के मिट्टी स्वास्थ की स्थिति को दर्शायेगा। अगले 3 वर्ष में दिया गया मृदा स्वास्थ्य कार्ड उस अगली अवधि के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य में परिवर्तनों को रिकॉर्ड करने में मदद करेगा।
सॉयल हेल्थ कार्ड (soil health card) नमूने कौन लेगा?
soil health card scheme: राज्य सरकार उनके कृषि विभाग के स्टॉफ या आउटसोर्स एजेंसी के स्टॉफ के माध्यम से नमूने एकत्रित करेगी। राज्य सरकार क्षेत्रीय कृषि महाविद्यालयों अथवा साइंस कॉलेजों के विद्यार्थियों को भी शामिल कर सकती है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड कैसे डाउनलोड करे
Soil Health Card Download online 2024: इसके लिए आपको कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, की आधिकारिक वेबसाइट – soilhealth.dac.gov.in मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर जाना होगा।
- इसके बाद ‘किसान के कॉर्नर’ कॉलम में जाना होगा।
- ‘अपने मिट्टी के स्वास्थ्य कार्ड को प्रिंट करें’ लिंक पर क्लिक करे।
- एक नयी विंडो में अपना राज्य चुने
- ‘Print your soil health card’ फॉर्म खुलेगा।
- सर्च बॉक्स में अपने राज्य, जिले, गांव, नाम, सैंपल नंबर दर्ज करे।
- इसके बाद सर्च बटन पर क्लिक करे।
India Soil Health Card District Wise Report
soil health card report: ऊपर दी गयी प्रक्रिया के अनुसार सिर्फ अपने राज्य और जिले की जानकारी दर्ज कर, पुरे जिले की मृदा परीक्षण रिपोर्ट देख सकते है।
किसान के खेत से मिट्टी के नमूने कैसे एकत्रित किए जाएंगे?
सॉयल नमूने ‘V’आकार में मिट्टी की कटाई के बाद 15-20 सेंटीमीटर की गहराई से एक प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा एकत्रित किए जाएंगे। यह खेत के 4 कोनों और मध्य से एकत्रित किए जाएंगे और पूरी तरह से मिलाए जाएंगे और इसमें से एक भाग नमूने के रूप में लिया जाएगा। छाया वाले क्षेत्र को छोड़ दिया जाएगा। चयनित नमूने को बैग में बंद किया जाएगा और कोड नंबर दिया जाएगा। इसके उपरांत इसे विश्लेषण के लिए मिट्टी जांच प्रयोगशाला को भेज दिया जाएगा।
Soil health card parameters
मुद्रा स्वास्थ्य कार्ड में मिट्टी के 12 पैरामीटरों पर नमूने की जांच जाती है। यह सुविधा स्थायी, मोबाइल प्रयोगशाला या दूरस्थ क्षेत्रों में प्रयोग किए जाने हेतु भी हो सकती है।
सॉयल हेल्थ परीक्षण की गुणवत्ता कैसे सुनिश्चित की जायेगी?
राज्य सरकारों द्वारा प्राथमिक प्रयोगशाल्राओं के परिणामों के विश्लेषण एवं प्रमाणीकरण हेतु एक वर्ष में जांचे गए कुल नमूनों का 1 प्रतिशत “रैफरल प्रयोगशाला में भेजा जायेगा। राज्य सरकारों को आवश्यक रैफरल प्रयोगशालराओं की स्थापना के लिए सहायता प्रदान की जाती है।