Swa Sahayata samuh yojana: स्वयं सहायता समूह (SHG – Self Help Groups) सामाजिक बदलाव लाने का एक अनूठा माध्यम है। ये समूह समान उद्देश्यों और लक्ष्यों वाले लोगों का समूह होते हैं जो एक दूसरे की मदद और सहयोग से अपना जीवन बेहतर बनाते हैं। एसएचजी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्वयं सहायता समूह के लाभ
- आर्थिक सशक्तिकरण: एसएचजी लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं। समूह के सदस्य नियमित रूप से बचत करते हैं और एक दूसरे को ऋण देते हैं। इससे वे अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं और छोटे व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
- सामाजिक सशक्तिकरण: एसएचजी लोगों को सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करते हैं। समूह के सदस्य एक दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं और सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते हैं। इससे वे अपनी सामाजिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
- राजनीतिक सशक्तिकरण: एसएचजी लोगों को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करते हैं। समूह के सदस्य अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होते हैं और राजनीतिक भागीदारी में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इससे वे अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए नीतिगत बदलाव ला सकते हैं।
एसएचजी की चुनौतियां
- अशिक्षा: कई एसएचजी सदस्य अशिक्षित होते हैं, जिससे उन्हें समूह के कामकाज में भाग लेने में कठिनाई होती है।
- गरीबी: कई एसएचजी सदस्य गरीब होते हैं, जिससे उन्हें बचत करने और ऋण चुकाने में कठिनाई होती है।
- सामाजिक भेदभाव: कई एसएचजी सदस्य सामाजिक भेदभाव का सामना करते हैं, जिससे उन्हें समूह के कामकाज में भाग लेने में कठिनाई होती है।
स्व सहायता समूह में समिति बनाकर कम ब्याज पर लोन कैसे मिलता है
स्व-सहायता समूह (एसएचजी) में समिति बनाकर कम ब्याज पर लोन प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. समूह का गठन:
- 10-20 सदस्यों का एक समूह बनाएं।
- समूह के सदस्यों का चुनाव समान उद्देश्यों और लक्ष्यों वाले लोगों से करें।
- समूह के लिए एक नाम और नियमों का एक सेट चुनें।
2. समिति का चुनाव:
- समूह के सदस्यों द्वारा समिति का चुनाव करें।
- समिति में 5-7 सदस्य होने चाहिए।
- समिति के सदस्यों में नेतृत्व क्षमता, संगठनात्मक कौशल, संचार कौशल और समस्या समाधान कौशल होना चाहिए।
3. बैंक खाता खोलना:
- समूह के नाम से एक बैंक खाता खोलें।
- समिति के सदस्यों को बैंक खाते के संचालन का अधिकार दिया जाना चाहिए।
4. बचत जमा करना:
- समूह के सदस्यों को नियमित रूप से बचत जमा करनी चाहिए।
- बचत जमा करने से समूह का क्रेडिट स्कोर बेहतर होगा।
5. ऋण के लिए आवेदन करना:
- समिति बैंक से ऋण के लिए आवेदन कर सकती है।
- ऋण आवेदन के साथ समूह के नियमों, बचत जमा करने के रिकॉर्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेजों को जमा करना होगा।
6. ऋण प्राप्त करना:
- बैंक ऋण आवेदन की समीक्षा करेगा और ऋण स्वीकृत करेगा।
- ऋण समूह के बैंक खाते में जमा किया जाएगा।
7. ऋण चुकाना:
- समूह के सदस्यों को ऋण और ब्याज चुकाना होगा।
- ऋण समय पर चुकाने से समूह का क्रेडिट स्कोर बेहतर होगा और भविष्य में ऋण प्राप्त करना आसान होगा।
कम ब्याज पर ऋण प्राप्त करने के लिए:
- समूह के सदस्यों को नियमित रूप से बचत जमा करनी चाहिए।
- समूह को समय पर ऋण चुकाना चाहिए।
- समूह को बैंक के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए।
स्व-सहायता समूह में समिति बनाकर कम ब्याज पर लोन प्राप्त करने के लाभ:
- कम ब्याज दर
- आसान ऋण आवेदन प्रक्रिया
- लचीली ऋण चुकौती योजना
- समूह के सदस्यों के बीच बचत और ऋण की आदत विकसित करना
- समूह के सदस्यों के बीच सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
स्व-सहायता समूह में समिति बनाने का लक्ष्य और लाभ
लक्ष्य:
- समूह का प्रबंधन: समिति समूह के संचालन और प्रबंधन का जिम्मा लेती है। इसमें बैठकों का आयोजन, योजना बनाना, निर्णय लेना और समूह के कामकाज की देखरेख करना शामिल है।
- जवाबदेही: समिति समूह के सदस्यों के प्रति जवाबदेह होती है। समिति को समूह के सदस्यों को नियमित रूप से अपनी गतिविधियों और प्रगति के बारे में जानकारी देनी होती है।
- पारदर्शिता: समिति के कामकाज में पारदर्शिता होनी चाहिए। समूह के सभी सदस्यों को समिति के निर्णयों और गतिविधियों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
- सदस्यों की भागीदारी: समिति समूह के सदस्यों की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। समूह के सभी सदस्यों को समिति के कामकाज में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए।
लाभ:
- प्रभावी नेतृत्व: समिति समूह को प्रभावी नेतृत्व प्रदान करती है। समिति के सदस्य समूह के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करते हैं।
- बेहतर निर्णय लेने: समिति समूह के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करती है। समिति के सदस्य विभिन्न दृष्टिकोणों और विचारों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेते हैं।
- संसाधनों का बेहतर उपयोग: समिति समूह के संसाधनों का बेहतर उपयोग करती है। समिति समूह के धन का उपयोग समूह के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए करती है।
- समूह की स्थिरता: समिति समूह की स्थिरता सुनिश्चित करती है। समिति समूह के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने और समूह के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करती है।
समिति के सदस्यों का चुनाव:
समिति के सदस्यों का चुनाव समूह के सदस्यों द्वारा किया जाना चाहिए। चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होना चाहिए। समिति के सदस्यों में निम्नलिखित गुण होने चाहिए:
- नेतृत्व क्षमता: समिति के सदस्यों में नेतृत्व क्षमता होनी चाहिए।
- संगठनात्मक कौशल: समिति के सदस्यों में संगठनात्मक कौशल होने चाहिए।
- संचार कौशल: समिति के सदस्यों में अच्छे संचार कौशल होने चाहिए।
- समस्या समाधान कौशल: समिति के सदस्यों में समस्या समाधान कौशल होने चाहिए।
स्वयं सहायता समूह का भविष्य
एसएचजी का भविष्य उज्ज्वल है। सरकार और गैर-सरकारी संगठन एसएचजी को मजबूत बनाने के लिए कई पहल कर रहे हैं। एसएचजी शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
स्वयं सहायता समूह सामाजिक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। एसएचजी लोगों को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करते हैं। एसएचजी की चुनौतियों का सामना करने और उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।