गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ 2024 | गोधन न्याय योजना पंजीयन फार्म | गोधन न्याय योजना App | गोधन न्याय योजना पोर्टल | Godhan Nyay Yojana PDF
Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana CG: गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ के तहत राज्य में ग्रामीणों और पशुपालको से 2 रुपये प्रति किलो गोबर ख़रीदा जाता है। इस ख़रीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जाता है। जिससे यह जैविक खाद कम दाम पर किसानो को उपलब्ध कराई जाती है। गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) की शुरुआत 20 जुलाई 2020 में की गयी थी।
CG Godhan Nyay Yojana 2024
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना राज्य की सुराजी गांव योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन की देख-रेख और गोबर की सुव्यवस्थित व्यवस्था तथा संवर्धन किया जाता है। योजना के अंतर्गत पुरे राज्य में गोठान स्थापित किये गए है। इस संग्रहित गोबर से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार किये जाते है। योजना क्रियान्वयन से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा तथा वर्मी कम्पोस्ट खाद से उत्पादन बढ़ेगा। ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे तथा लोगो को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा तथा पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
- पशुपालन अवसंरचना विकास कोष लोन
- पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना
- राष्ट्रीय पशुधन मिशन उद्यमिता योजना
- मधुमक्खी पालन योजना
- किसान सुविधा पोर्टल एक स्मार्ट ऐप
गोधन न्याय योजना का उद्देश्य
Godhan Nyay Yojana का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों की आय में वृद्धि करना है। इससे पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक लगेगी। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने से रासायनिक उर्वरक उपयोग मे कमी होगी। खरीफ एवं रबी फसल को जैविक खाद से लाभ मिलेगी। स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता होगी। स्थानीय स्व सहायता समूहो को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे । जैविक वर्मी कम्पोस्ट से भूमि की उर्वरता में सुधार होगा । तथा विष रहित खाद्य पदार्थो की उपलब्धता होगी।
CG Godhan Nyay Yojana के लाभ
- इससे पशुपालको को अतरिक्त आय का लाभ मिलेगा।
- स्थानीय लोगो को रोजगार मिलेगा।
- किसानो को जैविक वर्मी कम्पोस्ट खाद कम कीमत पर उपलब्ध होगा।
- इस जैविक खाद से उत्पादन बढ़ेगा।
- तथा हमें विष रहित अनाज मिलेगा।
- प्रति 2 रुपये किलो गोबर खाद पशुपालको तथा ग्रामीणों से खरीदा जायेगा।
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के मुख्य बिंदु
योजना का नाम | छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना |
योजना शुरुआत की तिथि | 20 जुलाई 2020 |
किसके द्वारा शुरू किया गया | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
योजना का उद्देश्य | पशुपालकों की आय में वृद्धि करना |
लाभार्थी | राज्य के पशुपालक |
godhan nyay yojana portal | godhannyay.cgstate.gov.in www.agriportal.cg.nic.in |
गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ पात्रता
- आवेदक लाभर्थी छत्तीसगढ़ स्थाई निवासी होना चाहिए।
- किसानों, पशुपालकों को योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा।
- ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में योजना का क्रियान्वयन होगा।
Godhan Nyay Yojana आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पास बुक
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पशु से संबंधित जानकारी
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना में रजिस्ट्रेशन कैसे करे
Godhan Nyay Yojana की जानकारी तथा अपना समिति के द्वारा क्रय किये गए गोबर की जानकारी के लिए आपको गोधन न्याय की ऑफिसियल वेबसाइट www.godhannyay.cgstate.gov.in पर जाना होगा।
- वेबसाइट ओपन होने पर रोल चुने के ऑप्शन में ‘सहकारी समिति’ चुने।
- तथा अपना रेजिस्ट्रेड मोबाइल नंबर दर्ज करे।
- आगे बढ़े बटन पर क्लिक करे।
- इस तरह से आप गबर क्रय की जानकारी देख सकते है।
आप Godhan Nyay Yojana – गोधन न्याय योजना एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करके, ऐप्प पर रजिस्टर कर सकते है।
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना pdf –
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गोबर क्रय पत्रक PDF : पेकिंग बेग में प्रिंटिंग हेतु विवरण PDF – डाउनलोड PDF
Godhan Nyay Yojana App
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गोबर क्रय एवं भुगतान की प्रकिया
- गौठान समितियों द्वारा उसी पंचायत का गोबर क्रय किया जा सकेगा, जो की उन्हें आवंटित की गयी है। इस हेतु गौठान समिति द्वारा समय-सारणी निर्धारित की जाएगी।
- गौठान में गोबंशीय एवं भैंसबंशीय पशुओं के पालक से गोबर का क्रय शासन द्वारा निर्धारित दर पर किया जाएगा। वर्तमान में शासन द्वारा रू. 2/कि.ग्रा. (परिवहन व्यय सहित) की दर निर्धारित की गई है। पशुपालक गोबर का विक्रय स्वैच्छिक रूप से कर सकेंगे।
- गोबर की गुणवत्ता हाथ में उठाये जाने लायक अर्धठोस प्रकृति की होगी। गोबर में कांच, मिट्टी, प्लास्टिक इत्यादि नहीं होना चाहिये।
- पशुपालकों से कय किये जा रहे गोबर का लेखा विवरण 2 प्रतियों में रखा जायेगा। गोबर क्रय पत्रक में पशुपालक का हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिया जावेगा | हितग्राहियों से गोबर ही लिया जायेगा, गोबर के कोई उत्पाद यथा कंडा इत्यादि नहीं लिए जाएंगे। बायोमॉस (जैविक अपशिष्ट) स्वेच्छा से गौठानो में प्रदाय किया जा सकता है, परंतु इसके लिये कोई भी राशि देय नहीं होगी।
- गौठान में रहने वाले पशुओं द्वारा उत्सर्जित गोबर गौठान के स्वत्व में होगा, उसके लिये कोअलग से राशि देय नहीं होगी।
- क्रय के बाद गोबर को संग्रहित कर गौठान में सामान्यत: अंदरूनी क्षेत्र में निर्मित CPT में रखा जाएगा तथा 5 से 20 दिन के उपरांत वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में उपयोग किया जाएगा।
- क्रय किए गए गोबर की राशि का भुगतान प्रत्येक 5 दिवस में गौठान समिति द्वारा हितग्राहियों को किया जायेगा ।
- गौठान में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन हेतु स्व-सहायता समूह का चिन्हांकन/चयन किया जाएगा | ग्रामीण क्षेत्र में चरवाहा स्व-सहायता समूह के अभिन्न अंग होगे | यह कार्य कलेक्टर के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं शहरी क्षेत्रों में आयुक्त/मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरीय निकाय की निगरानी में किया जाएगा।
वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने हेतु प्रशिक्षण
कलेक्टर द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक गौठान के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी |वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिये चिन्हांकित स्व-सहायता समूह को 2 चक में कृषि विज्ञान केन्द्र तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा| ऐसे विकासखण्ड जहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन नहीं हैं, जनपद पंचायत के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। समस्त गौठानों में वर्मीकम्पोस्ट निर्माण के पूर्व प्रशिक्षण कार्यकम आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।
वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्माण
प्रत्येक गौठान में गोबर की उपलब्धता के अनुसार वर्मी टांका बनाया जायेगा। वर्मी टांका का निर्माण मनरेगा के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से किया जायेगा। नगरीय क्षेत्र में वर्मी टांका का निर्माण संबंधित नगरीय निकायों द्वारा किया जायेगा।
वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग
वर्मी कम्पोस्ट तैयार होने के बाद वर्मी कम्पोस्ट एवं केंचुआ को अलग-अलग करने हेतु छलनी का प्रयोग किया जायेगा। वर्मी कम्पोस्ट तैयार होने पर पैकिंग के पूर्व प्रत्येक चक में कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षण द्वारा प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु नमूना लिया जाएगा।
गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ के बारे में
शहरी क्षेत्रों में गोधन न्याय योजना का प्रमुख उद्देश्य एकीकृत व्यवस्था के साथ सड़क में घूमने वाले पशुओं के नियंत्रण, खेत एवं बाड़ियों हेतु उच्च गुणवत्ता के जैविक खाद की उपलब्धता, शहरी स्वच्छता के माडल को सुदृढ़ करते हुये पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पशुपालन से उत्सर्जित अपशिष्ट से होने वाली बीमारियों के बचाव हेतु अपशिष्ट का वैज्ञानिक निपटान किया जाना है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु योजना में कार्यरत् शहरी गरीब परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन हेतु शहरी क्षेत्रों में गोबर का क्रय और गोबर से निर्मित गुणवत्ता युक्त वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय तथा गौठान समिति को आत्मनिर्भर बनाया जाना है। इस योजना के क्रियान्वयन में मितव्ययता एवं उपलब्ध अधोसंरचना की क्षमता का अधिकाधिक उपयोग, पूंजीगत व्यय मे कमी, अन्य व्यवस्थाओं के दृष्टिकोण से निकाय मे क्रियान्वित स्वच्छ भारत मिशन से वित्त पोषित राज्य प्रवर्तित मिशन क्लीन सिटी के साथ (अभिसरण) कनवरजेंस करने की योजना।