Marriage Registration Online 2024: विवाह प्रमाण पत्र ऑनलाइन बनाने की पूरी प्रक्रिया

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आज हम इस लेख में जानकारी देंगे की कैसे नवदम्पति अपना मैरिज सर्टिफिकेट ऑनलाइन बनवा सकते है और मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना जरुरी है या नहीं इसकी भी जानकारी इस लेख में दी गयी है। विवाह प्रमाण पत्र के लिए कौन से दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। इसके लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़े, आपके लिए इस लेख में Marriage Registration Online महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है।

Marriage Registration Online

इस लेख के बारे में !

विवाह प्रमाण पत्र क्या होता है?

What is marriage certificate: दुनिया में रोजाना कई विवाह होते रहते है। इनके रेकार्ड के लिए विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है। दो लोगो के शादी के बंधन के प्रमाण के लिए ‘विवाह प्रमाण पत्र’ जारी किया जाता है। विवाह प्रमाण पत्र विवाह के पंजीकरण का प्रमाण होता है।

विवाह प्रमाणपत्र (Marriage Registration Online) एक आधिकारिक प्रमाणपत्र होता है जिसमे दो लोगो को विवाहित होने का प्रमाण दिया जाता हैं। विवाह के नागरिक पंजीकरण करने के बाद ही एक सरकारी अधिकारी द्वारा विवाह प्रमाणपत्र जारी किया जाता है।

key highlights of marriage certificate

प्रमाण पत्र का नामविवाह प्रमाण पत्र 
विभाग जिला सत्र न्यायाधीश, नगर निगम, नगर पालिका 
किसके द्वारा शुरू किया गयाभारत सरकार 
योजना का उद्देश्यमैरिज सर्टिफिकेट प्रदान करना 
लाभार्थीशादी-शुदा व्यक्ति 
आवेदन प्रकार ऑनलाइन /ऑफलाइन 

विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत क्यों होती है?

why marriage certificate is required: विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता तब होती है जब आपको यह साबित करने की आवश्यकता हो कि आपका विवाह किसी के साथ कानूनी रूप से संपन्न हुआ है। पासपोर्ट प्राप्त करना, वीजा, वर्क परमिट, आपना गौत्र परिवर्तन करना आदि के लिए विवाह प्रमाण पत्र बहुत जरुरी होता है।

क्या विवाह प्रमाण पत्र बनवाना जरुरी है?

हाँ, वर्ष 2006 में, सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए विवाह को पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया।

विवाह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए?

विवाह प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, दूल्हे की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, और दुल्हन की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

भारत का विवाह प्रमाण पत्र कानून क्या है?

भारत में दो प्रकार के विवाह अधिनियम के तहत विवाह प्रमाण पत्र पंजीकृत किया जा सकता है।

  1. हिन्दू विवाह अधिनियम, 1956
  2. विशेष विवाह अधिनियम, 1954

विवाह के लिए पात्र होने के लिए पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिला की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होती है। हिन्दू विवाह अधिनियम केवल हिन्दुओं के लिए ही लागू होता है, जबकि विशेष अधिनियम भारत के सभी नागरिकों के लिए लागू होता है। हिन्दू विवाह अधिनियम  अंर्तगत पहले से सम्पन्न हुए विवाह के पंजीकरण की व्यवस्था की जाती है। इसमें पंजीयनकर्ता द्वारा विवाह सम्पन्न करने की व्यवस्था नहीं है। विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह अधिकारी द्वारा विवाह सम्पन्न करने तथा पंजीकरण करने की व्यवस्था  की जाती है।

हिन्दू विवाह अधिनियम, 1956

विवाह के लिए पक्षों को जिसके क्षेत्राधिकार, जिले या राज्य में विवाह सम्पन्न किया जाता है या उस पंजीयनकर्ता के पास या जिस पंजीयक के क्षेत्राधिकार में विवाह का कोई पक्ष विवाह के ठीक पहले लगातार 6 माह तक रह रहा हो उसके पास आवेदन करना होगा। दोनों पक्षों को जिला मैरिज पंजीयक के पास विवाह के एक माह के भीतर अपने माता-पिता या अभिभावकों या अन्य गवाहों के साथ उपस्थित होना है। विवाह पंजीयन में पांच वर्ष या इससे अधिक की देरी होने पर शपथ पत्र नोटरी, जिला मजिस्ट्रेट के नाम पर बनवानी पड़ती है।

विशेष विवाह अधिनियम, 1954

दोनों विवाह पक्षों में से किसी एक को विवाह से 30 दिन के पूर्व में  विवाह अधिकारी को सुचना देनी पड़ती है। तथा कम एक पक्ष को उसके क्षेत्राधिकार में निवासरत होना चाहिए। यदि कोई एक पक्ष दूसरे विवाह अधिकारी के क्षेत्र में रह रहा है तो इसी प्रकार के प्रकाशन के लिए उस सूचना की प्रति उसके पास भेज दी जानी चाहिए। यदि किसी प्रकार की कोई आपत्ति प्राप्त नहीं होती है तो सूचना प्रकाशित होने के एक माह बाद विवाह किया जा सकता है।

यदि कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो विवाह अधिकारी को इसकी जांच करनी चाहिए और यह निर्णय लेना है कि या तो विवाह की अनुमति दी जाए, या इससे इंकार किया जाए। इस स्थिति में विवाह certificate पंजीकरण, विवाह सम्पन्न होने के बाद किया जाएगा। अधिनियम के अंतर्गत 30 दिनों की सार्वजनिक सूचना देने के पश्चात् विशेष विवाह अधिनियम के अधीन पहले से सम्पन्न किए गए विवाह का भी पंजीकरण किया जा सकता है।

विवाह पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज

  1. दूल्हे की पासपोर्ट फोटो
  2. दुल्हन की पासपोर्ट फोटो
  3. दूल्हा और दुल्हन की शादी की फोटो
  4. वधू का आईडी प्रूफ
  5. वर का आईडी प्रूफ
  6. जन्म दिनांक प्रमाण पत्र
  7. शपथ पत्र वर और वधू का अलग-अलग
  8. पहले गवाह का पहचान पत्र
  9. दूसरे गवाह का पहचान पत्र
विवाह प्रमाण के लिएशादी का कार्ड मंदिर में विवाह की पर्ची विवाह प्रक्रिया का प्रमाण
पहचान और पते के प्रमाण के लिएआधार कार्ड वोटर कार्ड कर्मचारी आईडी कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस पासपोर्ट राशन कार्ड
दूल्हा और दुल्हन के जन्म के दिनाक को सत्यापित करने के लिएजन्म प्रमाणपत्र ड्राइविंग लाइसेंस आधार कार्ड अंकसूचि प्रमाणपत्र फोटो कॉपी

मैरिज सर्टिफिकेट कैसे बनाये

आप विवाह प्रमाण पत्र जिला मैरिज कार्यालय में जाकर या फिर ऑनलाइन आवेदन के द्वारा बनवा सकते है।

विवाह पंजीकरण फॉर्म पीडीफ 

Marriage certificate Application Form: आप ऑनलाइन या ऑफलाइन विवाह पंजीकरण करा सकते है ऑफलाइन फॉर्म भरने के लिए आपको जिला विवाह पंजीकरण कार्यालय जाना होगा।  निचे दिया गया विवाह पजीकरण PDF फॉर्म भर कर, विवाह कार्यालय में जमा कर सकते है। विवाह पंजीकरण फॉर्म प्रारूप डाउनलोड करे 

अन्य दूसरे विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म डाउनलोड करे 

Marriage registration form

ऑनलाइन विवाह पंजीकरण करने की प्रक्रिया 

Apply for marriage certificate: इसके लिए आपको अपने राज्य की आधिकारिक सरकारी विवाह पंजीकरण वेबसाइट पर जाना होगा। वहा पर विवाह पंजीकरण की लिंक दी गयी होती है। उस पर क्लिक करे, फॉर्म में सभी जानकारी दर्ज कर ऑनलाइन विवाह फॉर्म को सब्मिट करे। पंजीकरण करने वाले व्यक्ति को एक आवेदन नंबर प्राप्त होगा जो पावती पर्ची पर मुद्रित होगा। पावती पर्ची के साथ-साथ आवेदन पत्र का प्रिंटआउट निकल ले।

मैरिज सर्टिफिकेट डाउनलोड कैसे करे 

Marriage certificate download: इसके लिए आपने जिस भी राज्य की वेबसाइट से ऑनलाइन विवाह पंजीकरण (Marriage Registration Online) आवेदन किया है उस पर आपना आवेदन क्रमांक दर्ज कर विवाह सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते है।

FAQ

अनिवार्य विवाह पंजीयन कब से लागू हुआ?

महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने विवाह पंजीयन अनिवार्य किया।

विवाह प्रमाण पत्र किस अधिनियम के तहत प्रदान किया जाता है?

हिन्दू विवाह अधिनियम 1956 तथा विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत विवाह प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।

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