Mukhyamantri Covid-19 Bal Seva Yojana: बाल कल्याण योजना क्या है- जिन बच्चो के माता-पिता की कोविड-19 से आकस्मिक मृत्यु हो गई है। ऐसे बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देने का निर्णय लिया है, ऐसे सभी बच्चों के लिये राज्य शासन ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल-कल्याण योजना प्रदेश में लागू की गयी है।
- नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप
- सोलर रूफटॉप योजना
- प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना
- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का उद्देश्य
बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देना कोविड-19 बाल-कल्याण योजना मुख्य उद्देश्य है। इस योजना का उद्देश्य इन बच्चो को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है , ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करते हुए अपनी शिक्षा भी निर्विघ्न रूप से पूरी कर सके |
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण के लिए पात्रता
- प्रभावित परिवार मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी हो।
- परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं हो।
- ऐसे प्रत्येक बाल हितग्राही, जिनके माता-पिता, अभिभावक की कोविड -19 से मृत्यु होने से अनाथ हो गये हैं, को पाँच हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी।
- बाल हितग्राही के मृतक माता-पिता ऐसे शासकीय सेवक या शासकीय उपक्रम के सेवक न हों, जिन्हें पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन पाने की पात्रता हो।
- बाल हितग्राही की आयु 18 वर्ष से कम है तो सहायता राशि चिन्हांकित संरक्षक और बच्चे के संयुक्त खाते में जमा की जायेगी। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद उनके व्यक्तिगत खाते में राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना में आवेदन कैसे भरे
covidbalkalyan.mp.gov.in पर निः शुल्क आवेदन करे।
18 वर्ष से कम उम्र के अनाथ बाल हितग्राहियो के संरक्षक का चयन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से सम्पर्क करें।
- समस्त लाभ पोर्टल के माध्यम से दिये जाएंगे। पोर्टल पर प्राप्त आवेदन पर कार्यवाही जिला कलेक्टर के लॉगिन से होगी।
- प्रकरणों की स्वीकृति और अनुमोदन जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी।
- इस समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उप संचालक सामाजिक न्याय और जिला शिक्षा अधिकारी सदस्य होंगे।
- जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला-बाल विकास, समिति के सदस्य सचिव होंगे। समिति के अनुमोदन के पश्चात सहायता प्रदान करने के आदेश समिति के सदस्य सचिव द्वारा जारी किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना की मुख्य बाते
योजना का नाम | मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना |
लॉन्च दिनांक | 21 मई 2021 |
किसके द्वारा शुरू किया गया | मख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान |
योजना का उद्देश्य | बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देना |
लाभार्थी | मध्यप्रदेश के नागरिक |
ऑफिसियल वेबसाइट | www.covidbalkalyan.mp.gov.in |
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के लाभ
मध्यप्रदेश के मूल निवासी ऐसे बाल हितग्राही जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविद से मार्च 1, 2021 से 30 जून 2021 के बीच हुए हो, ऐसे प्रत्येक बाल हितग्राही को मध्यप्रदेश शासन द्वारा
- रु 5000 प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाएगी।
- रहने का स्थान न होने पर बाल देखरेख संस्था में प्रवेश।
- निः शुल्क मासिक राशन दिया जायेगा।
योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली सहायता
मासिक आर्थिक सहायता –
प्रत्येक बाल हितग्राही को 5000/- प्रतिमाह की सहायता राशि बैक खाते में जमा की जावेगी। यदि बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम है तो बच्चों की सहायता राशि चिन्हांकित संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जावेगी। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरांत उसके व्यक्तिगत खाते में जमा की जावेगी। सहायता राशि संबंधित बाल हितग्राही को 21 वर्ष की आयु तक देय होगी।
शिक्षा सहायता–
प्रत्येक बाल हितग्राही को स्कूल शिक्षा , उच्च शिक्षा , तकनीकी शिक्षा, मेडिकल शिक्षा,विधि शिक्षा आदि हेतु योजना के अनुसार नि:शुल्क शिक्षा ( पहली कक्षा से स्नातक तक ) उपलब्ध करवाई जाएगी।
मासिक राशन सहायता –
प्रत्येक बाल हितग्राही और योजना के प्रावधानों के अंतर्गत नियुक्त उनके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मासिक राशन प्रदाय किया जायेगा।
स्कुल शिक्षा में सहायता
- कक्षा 1 से 8 वीं तक शासकीय विद्यालयो में निः शुल्क शिक्षा और निजी विद्यालयो में पढ़ाई होने पर शुल्क सहायता
- कक्षा 9 से 12 वीं तक शासकीय विद्यालयो में निः शुल्क शिक्षा और निजी विद्यालयो में पढ़ाई होने पर प्रतिवर्ष रु 10,000
उच्च शिक्षा में सहायता
- शासकीय अथवा केंद्र /राज्य से अनुदानित विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में समस्त शुल्क की प्रतिपूर्ति
- निजी /अशासकीय महाविद्यालय में समस्त शुल्क या रु 15,000 की सहायता
- शासकीय /अनुदान प्राप्त इंजीरिंग महाविद्यालय का शुल्क शासन द्वारा वहन होगा
- निजी महाविद्यालय में अधिकतम रु 1.50 लाख प्रतिवर्ष या वास्तविक शुल्क दिया जायेगा।
- 12 वीं कक्षा के आधार पर निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय में प्रवेश पर रु 75,000 या वास्तविक शुल्क की सहायता
- NEET से चयन होने पर केंद्र /राज्य शासन एवं निजी संस्था में चयन होने पर देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन होगा
- CLAT से चयन होने पर NLU या DU में चयन होने पर देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन होगा
- केंद्र /राज्य सरकार के समस्त संस्थानों /महाविद्यालयों /डिप्लोमा /आईटीआई में चयन होने पर देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन होगा
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के मूल बिंदु
- मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का लाभ, बाल हितग्राहियों को शासन की अन्य योजनाओं के अंतर्गत देय लाभ के अतिरिक्त होगा,
- किन्तु बाल हितग्राही को शिक्षा शुल्क आदि का दोहरा भुगतान किसी अन्य योजना से नहीं होगा।
- योजना के क्रियान्वयन के लिये नोडल विभाग महिला-बाल विकास विभाग होगा।
- योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक राशि का प्रावधान महिला-बाल विकास विभाग के बजट में किया जाएगा।
- निगरानी एवं मूल्यांकन महिला-बाल विकास विभाग द्वारा की जाएगी।
18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बाल हितग्राही, जिनका कोई घर या निश्चित निवास स्थान नहीं है और जिनके जीवन निर्वाह के लिए कोई दृश्यमान साधन नहीं है अथवा कोई भी संरक्षक उनकी देख-रेख करने का इच्छुक नहीं है, को संरक्षण, भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा सहायता एवं पुनर्वास हेतु बाल कल्याण समिति द्वारा देख-रेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालक घोषित किया जाकर प्रदेश में संचालित बाल देख-रेख संस्था में प्रवेश सुनिश्चित करवाया जाएगा। ऐसे बाल हितग्राही को योजना के तहत प्रदाय मासिक आर्थिक एवं मासिक राशन की पात्रता नहीं होगी, किंतु बाल देखरेख संस्थाओं में 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर निर्मुक्त होने वाले बच्चों को वे समस्त सहायता दी जाएगी, जिसका योजना में प्रावधान है।
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