Pradhan Mantri Kusum Solar Pump Yojana 2024: किसानो को फसल सिंचाई के दौरान अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पानी सही समय पर फसलों को नहीं मिलने से फसलों के उत्पादन में काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। किसान की इसी समस्या को दूर करने के लिए भारत सरकार ने पीएम-कुसुम (प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान) योजना की शुरुआत कि है। PM Kusum Yojana के तहत किसान कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक सौर ऊर्जा का उपयोग कर, कुसुम सोलर पंप (kusum solar pump) लगाकर खेतों की सिंचाई कर सकता है। आज हम इस लेख में पीएम कुसुम योजना के बारे में बात करेंगे। प्रधानमंत्री कुसुम योजना ऑनलाइन सोलर पंप रजिस्ट्रेशन (pm kusum solar pump yojana online registration 2024) के बारे में मत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में दी गयी है।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना 2024
PM KUSUM (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan) Yojana: केंद्र सरकार ने सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पीएम-कुसुम (प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान) योजना की शुरुआत की है। Pradhan Mantri Kusum Solar Pump Yojana के तहत किसान सोलर ऊर्जा का उपयोग कर सोलर पंप की सहायता से खेतों में सोलर उपकरण लगाकर सिंचाई कर सकते हैं। बल्कि अतिरिक्त बिजली पैदा कर ग्रिड को भी बेच सकते हैं और कमाई कर सकते हैं। ‘पीएम कुसुम योजना’ में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार किसानों के डीजल पंप को सोलर पंप में बदलने और नए सोलर पंप लगाने की प्रकिया होती है। अभी सरकार कृषि फीडर का निर्माण भी कर रही है ऐसा करने से बिजली की बचत होगी तथा किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली भी मिलेगी। पीएम-कुसुम योजना 19 फरवरी 2019 को हुई केबिनेट बैठक में पीएम-कुसुम योजना को मंजूरी दी थी।
- सोलर रूफटॉप योजना मध्यप्रदेश
- मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना मध्यप्रदेश 2024
- ई-श्रमिक कार्ड ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 2024
- उत्तरप्रदेश सोलर रूफटॉप योजना – कुसुम योजना उत्तर प्रदेश
- सोलर रूफटॉप योजना राजस्थान
- सोलर रूफटॉप योजना ऑनलाइन
- मेक इन इंडिया योजना
Pradhan Mantri Kusum Yojana में तीन घटक शामिल हैं :
- कंपोनेंट-ए में किसान को अपनी जमीं पर सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना शामिल है।
- कंपोनेंट-बी में घर के पास सोलर पावर्ड एग्रीकल्चर पंप्स की स्थापना शामिल है
- और कंपोनेंट-सी में ग्रिड से जुड़े सोलर कृषि पंपों का सोलराइजेशन शामिल है।
कम्पोनेंट-ए, बी और सी. कम्पोनेंट-ए में किसानों को अपनी जमीन पर अपना सोलर प्लांट लगाना होता है। वहीं कम्पोनेंट बी और सी में किसानों के घरों व उनके खेतों में PM Kusum Solar Pump Yojana पंप लगाए जाते हैं।
कुसुम सोलर पंप योजना का उद्देश्य
Pradhan Mantri Kusum Yojana का मुख्य उद्देश्य भारत में किसानों के लिए सौर ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिससे किसान बिजली के अभाव में कुसुम सोलर पंप का उपयोग कर फसल की सिंचाई कर सके। साथ ही जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से बिजली की आपूर्ति को कम करना है। तथा किसानो की आय में वृद्धि करना है।
पीएम कुसुम योजना के लाभ (PM Kusum Solar Pump Yojana Benefits)
- इससे किसानो की आय में वृद्धि होगी।
- किसानो को 24 घंटे बिजली की पूर्ति होगी।
- बिजली बिल भरने की चिंता नहीं होगी।
- फसलों को किसी भी समय पानी घुमाया जा सकता है।
- किसान सोलर विद्युत का उपयोग और भी घर के कई कार्यो में कर सकता है।
- अतिरिक्त सोलर विद्युत निर्माण से किसान ग्रिड को बेच कर लाभ कमा सकता है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) -आवेदन प्रक्रिया
Pradhan Mantri Kusum Solar Pump Yojana पात्रता
Kusum Solar Pump Yojana 2024 को देश के सभी किसानो के लिए शुरू किया गया है। सभी राज्यों के किसान पीएम कुसुम योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
कुसुम सोलर पंप योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- मोबाइल नंबर
- आधार कार्ड
- ज़मीन का खाता खसरा क्रमांक
- पासपोर्ट फोटो
- बैंक पासबुक
प्रधानमंत्री कुसुम ऑनलाइन सोलर पंप रजिस्ट्रेशन 2024
PM Kusum Yojana Online Registration: पीएम कुसुम योजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजना है। इसमें राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार दोनों का अनुदान किसान को मिलता है। प्रधानमंत्री-कुसुम योजना को राज्य सरकार के विभागों द्वारा कार्यान्वित तथा संचालित किया जा रहा है। इसलिए किसान सिर्फ अपने राज्य के ऊर्जा विभाग की आधिकारक वेबसाइट पर जाकर Kusum Yojana Apply online ऑनलाइन सोलर पंप रजिस्ट्रेशनआवेदन करे।
ऑनलाइन सोलर पंप रजिस्ट्रेशन Pradhanmantri Kusum Yojana की अधिक जानकारी के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) की आधिकारिक वेबसाइट- Kusum yojana official website लिंक www.mnre.gov.in पर विजिट करें अथवा टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 डायल करें ! |
कुसुम योजना ऑनलाइन सोलर पंप रजिस्ट्रेशन सब्सिडी
Kusum Solar Pump Yojana में निम्न प्रकार से केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) तथा राज्य सरकार सहायता प्रदान करता है :-
- घटक-ए : खरीद आधारित प्रोत्साहन रु 40 पैसे/केडब्ल्यूएच और 6.60 लाख/मेगावाट/वर्ष, जो भी कम हो, किसानों से बिजली खरीदने के लिए पहले पांच वर्षों के लिए वितरण कंपनियों को एमएनआरई द्वारा प्रदान किया जाएगा।
- घटक-बी और सी :
- बेंचमार्क सोलर पंप लागत का 30% केंद्र सरकार के द्वारा एवं 30% राज्य सरकार की सब्सिडी दी जाती है, शेष सोलर पंप की राशि 40% किसान द्वारा दी जाती है।
- उत्तर पूर्वी राज्यों, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीपों में, 50% की सीएफए, राज्य सरकार की सब्सिडी 30%, शेष 20% किसान द्वारा दी जाएगी।
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Pradhan Mantri Kusum Solar Pump Yojana की मुख्य बाते
योजना का नाम | प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM Kusum yojana) |
योजना शुरू की गयी | 19 फरवरी 2019 |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन |
आवेदन फॉर्म | Available |
विभाग | नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय |
योजना का उद्देश्य | किसानो की आय में वृद्धि करना |
लाभार्थी | सभी राज्य के किसान |
आधिकारिक वेबसाइट | mnre.gov.in |
किसान फीडर के सौरकरण से बिजली सब्सिडी की भी होगी बचत
सरकार की ओर से अभी एक सोलर प्लांट की योजना है, जिसमें केंद्र सरकार से मिलने वाली 30 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। यदि राज्य सरकारें चाहें तो अनुदान के राशि के रूप में बाकी पैसे अपनी तरफ से लगाकर सोलर प्लांट लगवा सकती हैं। यदि राज्य सरकार पैसे लगाकर प्लांट लगाती है तो महज 4 साल के भीतर ही सरकार का पैसा वसूल भी हो जाएगा। यानी कि जो सब्सिडी उनकी और से हर साल दी जाएगी, वह राशि उन्हें जल्दी मिल जाएगी। ऐसे में प्लांट की लाइफ यदि हम 20 साल मानकर चलते हैं तो इसमें से बाकी बचे 16 साल तक कोई भी सब्सिडी भार राज्य पर नहीं रहेगा।
डीजल की बचत के साथ प्रदूषण भी नहीं होगा
किसान यदि डीजल पंप से सोलर पंप बदलता हैं तो पर्याप्त मात्रा में डीजल की बचत होगी। इससे किसानों को फायदा मिलेगा। तथा डीजल दहन से होने वाला वायु प्रदूषण भी नहीं होगा।
केंद्र, राज्य सरकार और बैंक उठाएंगे योजना का खर्च
प्रधानमंत्री कुसुम योजना (PM Kusum yojana) की खास बात यह है कि सोलर प्लांट लगवाने के लिए आपको सिर्फ 10 फीसदी राशि लगानी पड़ती है। बाकी 90 प्रतिशत खर्चा सरकार एवं बैंक मिलकर उठाती है। इस स्कीम के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल प्रदान किये जाते हैं। राज्य सरकार सोलर पैनल पर 60 फीसदी सब्सिडी लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेजती हैं। तथा 30 प्रतिशत सब्सिडी बैंक की ओर से दी जाती है।
[ऑनलाइन आवेदन] प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
Kusum Solar Pump Yojana Kya Hai जानकारी
पीएम कुसुम योजना (pradhan mantri kusum yojana) 3 घटकों के साथ 2019 में शुरू किया गया था
घटक-ए
- बंजर भूमि पर 10,000 मेगावाट के विकेन्द्रीकृत ग्रिड से जुड़े अक्षय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए है।
- इस घटक के तहत, 500 किलोवाट से 2 मेगावाट क्षमता के अक्षय ऊर्जा आधारित बिजली संयंत्र जिसमे व्यक्तिगत किसानों/किसानों के समूह/सहकारिता/पंचायतों/किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ)/जल उपयोगकर्ता संघों (डब्ल्यूयूए) द्वारा बंजर/ परती भूमि आदि शामिल है।
- इन बिजली सोलर संयंत्रों को खेती योग्य भूमि पर स्टिल्ट्स पर भी स्थापित किया जा सकता है जहां फसलें सौर पैनलों के नीचे भी उगाई जा सकती हैं।
- सब-ट्रांसमिशन लाइनों की उच्च लागत से बचने और ट्रांसमिशन घाटे को कम करने के लिए सब-स्टेशनों के पांच किमी के दायरे में अक्षय ऊर्जा बिजली परियोजना स्थापित की जाएगी। उत्पन्न बिजली स्थानीय डिस्कॉम द्वारा पूर्व-निर्धारित टैरिफ पर खरीदी जाएगी
घटक-बी
- 17.50 लाख स्टैंड-अलोन सौर कृषि पंपों की स्थापना के लिए।
- इस घटक के तहत, अलग-अलग किसानों को ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में मौजूदा डीजल कृषि पंपों / सिंचाई प्रणालियों के प्रतिस्थापन के लिए 7.5 एचपी तक की क्षमता के स्टैंडअलोन सौर कृषि पंप स्थापित करने के लिए सहायता दी जाएगी, जहां ग्रिड आपूर्ति उपलब्ध नहीं है।
- यहाँ 7.5 एचपी से अधिक क्षमता के पंप भी स्थापित किए जा सकते हैं, हालांकि, वित्तीय सहायता 7.5 एचपी क्षमता तक सीमित होगी।
घटक-सी
- 10 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सोलराइजेशन के लिए। इस घटक के तहत, ग्रिड से जुड़े कृषि पंप वाले व्यक्तिगत किसानों को पंपों को सोलराइज करने में मदद दी जाएगी।
- किसान सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पन्न सौर ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम होगा और अतिरिक्त सौर ऊर्जा को पूर्व निर्धारित टैरिफ पर DISCOMs को बेच सकता है।
उल्लेखनीय है कि पीएम-कुसुम सोलर पंप योजना (kusum solar pump yojana) के दायरे को कार्यान्वयन के पहले वर्ष से मिली सीख के आधार पर संशोधित किया गया था।
Kusum Yojana 2024 राज्यों के नोडल ऊर्जा विभाग की लिस्ट
- छत्तीसगढ – छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (क्रेडा)
- दिल्ली – BSES Rajdhani Power Ltd., बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड
- हरयाणा – Uttar Haryana Bijli Vitran Nigam Limited (UHBVN), Dakshin Haryana Bijli Vitran Nigam Limited (DHBVN)
- हिमाचल प्रदेश – हिमाचल प्रदेश सरकार ऊर्जा विकास एजेंसी (हिमुर्जा)
- झारखंड – Jharkhand Bijli Vitran Nigam Limited (JBVNL)
- गुजरात – गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी (जीईडीए)
- कर्नाटक – बैंगलोर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (बेसकॉम), हुबली इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (HESCOM), मैंगलोर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड (मेस्कॉम), चामुंडेश्वरी विद्युत आपूर्ति निगम लिमिटेड (सीईएससी)
- केरल – केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) लिमिटेड
- Madhya Pradesh – Madhya Pradesh Urja Vikas Nigam (MPUVN)
- महाराष्ट्र – महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL)
- मणिपुर – मणिपुर अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (मनिरेडा)
- मेघालय – टीबीडी
- उड़ीसा – उड़ीसा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (OREDA)
- पंजाब – पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (PEDA)
- राजस्थान – Rajasthan Urja Vikas Nigam Ltd. (RUVNL)
- तमिलनाडु – कृषि इंजीनियरिंग विभाग (एईडी), तमिलनाडु सरकार, तमिलनाडु ऊर्जा विकास एजेंसी (TEDA)
- त्रिपुरा – त्रिपुरा राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (टीएसईसीएल)
- Uttar Pradesh- उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (UPNEDA)
कुसुम सोलर पंप योजना कार्यान्वयन दिशानिर्देश
घटक-ए के लिए, चारागाह और दलदली भूमि के स्वामित्व वाले किसानों को शामिल करके दायरा बढ़ा दिया गया है। तथा सौर संयंत्र का आकार छोटा कर दिया गया है ताकि छोटे किसान भी योजना में भाग ले सकें और योजना की पूरा होने की अवधि नौ से बारह महीने तक बढ़ा दी गई है। इसके अलावा, किसानों द्वारा कार्यान्वयन में आसानी के लिए उत्पादन में कमी के लिए जुर्माना हटा दिया गया।
Pradhan Mantri Kusum Solar Pump Yojana घटक-ए के लिए संशोधन/स्पष्टीकरण
- अब बंजर, परती और कृषि भूमि के अलावा, किसानों की चारागाह और दलदली भूमि पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा सकते हैं।
- छोटे किसानों को समर्थन देने के लिए, राज्यों द्वारा तकनीकी-वाणिज्यिक व्यवहार्यता के आधार पर 500 किलोवाट से कम की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की अनुमति दी जा सकती है।
- चयनित अक्षय ऊर्जा जनरेटर (आरपीजी) लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) जारी होने की तारीख से बारह महीने के भीतर सौर ऊर्जा संयंत्र को चालू कर देगा।
- न्यूनतम निर्धारित क्षमता उपयोग कारक (सीयूएफ) से सौर ऊर्जा उत्पादन में कमी के लिए आरपीजी पर कोई जुर्माना नहीं देय होगा।
Kusum Yojana घटक-बी के लिए संशोधन/स्पष्टीकरण
घटक-बी में संशोधन/स्पष्टीकरण के हिस्से के रूप में, एमएनआरई राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) गतिविधियों के लिए पात्र सेवा शुल्क का 33 प्रतिशत अपने पास रखेगा। आदेश में उल्लेख किया गया है कि मंत्रालय प्रारंभिक गतिविधियों के लिए एलओए लगाने के बाद स्वीकृत मात्रा के लिए योग्य सेवा शुल्क का 50% जारी कर सकता है। जल उपयोगकर्ता संघों (WUA)/किसान उत्पादक संगठनों (FPO)/प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) द्वारा स्थापित और उपयोग किए जाने वाले सौर पंपों के लिए या क्लस्टर आधारित सिंचाई प्रणाली के लिए, CFA को सौर पंप क्षमता से अधिक की अनुमति दी जाएगी। समूह में प्रत्येक व्यक्ति के लिए 5 एचपी तक की क्षमता पर विचार करते हुए 7.5 एचपी कर दिया गया है।
संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत यूनिवर्सल सोलर पंप कंट्रोलर (यूएसपीसी) के साथ सोलर वाटर पंपिंग सिस्टम सोलर पंपों के बेंचमार्क मूल्य के अनुसार सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी, भले ही सोलर के लिए कीमत की खोज की गई हो। यूएसपीसी के बिना पंप बेंचमार्क मूल्य से कम हैं।
स्टैंडअलोन सोलर पंप साल में केवल 100-150 दिनों के लिए उपयोग किए जाते हैं और शेष अवधि के दौरान उत्पन्न सौर ऊर्जा का उपयोग नहीं किया जाता है। सौर ऊर्जा के प्रभावी उपयोग के लिए यूएसपीसी शुरू करने का प्रस्ताव किया गया था, जो न केवल पानी पंप चलाएगा बल्कि अन्य बिजली के उपकरण कोल्ड स्टोरेज, बैटरी चार्जिंग, आटा चक्की आदि भी चला सकता है। यूएसपीसी की स्थापना से किसान की आय में वृद्धि होगी, जो पीएम-कुसुम योजना का उद्देश्य है।
घटक-सी के लिए संशोधन/स्पष्टीकरण
घटक-सी के हिस्से के रूप में मंत्रालय आईईसी गतिविधियों के लिए 33% सेवा शुल्क का भी उपयोग करेगा। प्रारंभिक गतिविधियों के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों को सेवा शुल्क अग्रिम रूप से जारी करने का प्रावधान किया गया है। मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, एमएनआरई प्रारंभिक गतिविधियों के लिए एलओए लगाने के बाद स्वीकृत मात्रा के लिए पात्र सेवा शुल्क का 50% जारी कर सकता है।