Aatm Nirbhar Bharat Yojana 2024: प्रधानमंत्री आत्म निर्भर भारत योजना क्या है?

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भारत सरकार द्वारा लोगो को स्वयं का रोजगार स्थापित करने एवं खुद मालिक बनने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आत्म निर्भर भारत योजना (Aatm Nirbhar Bharat Yojana) को शुरू किया है। इस योजना के माध्यम से लोगो को स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बनाना है।

Atma Nirbar Bharat Abhiyan

इस लेख के बारे में !

आत्मनिर्भर भारत योजना अभियान क्या है?

Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan Yojana 2024: आत्म निर्भर भारत अभियान महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था को समर्थित योजना है। हमारे देश और दुनिया को कोविड-19 ने बहुत नुकसान पहुंचाया है। लोगो में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना जाग्रत करने के उद्देश्य से इस अभियान को शुरू किया गया है। Aatmnirbhar Bharat Yojana के लिए 20 लाख करोड़ रुपये की विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की गयी है, जो भारत की 10% जीडीपी (Gross Domestic Product -GDP) के बराबर है।

आत्म निर्भर भारत योजना अभियान मेक इन इंडिया (Make In India) को समर्थन करता है |

हमारे देश के लोगो में आत्मनिर्भरता व आत्मविश्वास होने के कारण ही मार्च 2020 से पहले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE-Personal Protection Equipment) किट शुन्य थी, लेकिन आज हमने 2 लाख पीपीई किट प्रतिदिन उत्पादन क्षमता बड़ा ली है। और रोजाना उत्पादन क्षमता बढ़ रही है |

इसमें यह भी देखा गया की भारत किस प्रकार चुनोतियो का सामना कर रहा है, और चुनोतियो को अवसर में बदल रहा है | बहुत सारे ऑटोमोबाइल सेक्टर जो की गाड़ी निर्माण छोड़कर, देश सेवा के लिए वेंटिलेटर बनाने में अपनी अहम् भूमिका निभा रहे है।

सरकार द्वारा इस दिशा में सभी लोगो, कंपनियों को बार-बार आत्मनिर्भर भारत की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए आह्वान किया गया है।

Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan Yojana के मुख्यबिंदु

योजना का नामआत्मनिर्भर भारत अभियान
योजना शुरू की गई12 मई 2020
किसके द्वारा शुरू किया गयाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
योजना का उद्देश्यदेश का आर्थिक विकास करना
मंत्रालयभारत सरकार के सभी मंत्रालय योजना में सहायक रहेंगे
आधिकारिक वेबसाइटaatmanirbharbharat.mygov.in

आत्म निर्भर भारत योजना अभियान के पांच स्तम्भ कौन से है?

  1. अर्थव्यवस्था (Economy)
  2. भूमिका रूप व्यवस्था (Infrastructure)
  3. प्रणाली (System)
  4. जनसांख्यिकी (Vibrant Demography)
  5. मांग (Demand)

आत्मनिर्भर भारत अभियान के पांच चरण

  1.  व्यवसाय को MSME के साथ जोड़ना | (Businesses including MSMEs)
  2. गरीब, किसान और साथ में प्रवासी | (Poor, including migrants and farmers)
  3. कृषि | (Agriculture)
  4. विकास के नए क्षितिज | (New Horizons of Growth)
  5. सरकारी सुधार और समर्थन | (Government Reforms and Enablers)

AatmaNirbhar Bharat Abhiyan Yojana का उद्देश्य

  • आत्मनिर्भर भारत के लिए आह्वान करना |
  • पांच स्तम्भ आत्मनिर्भर भारत के – अर्थव्यवस्था, भूमिका रूप व्यवस्था, प्रणाली,जनसांख्यिकी, मांग |
  • विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज के तहत 20 लाख करोड़ रुपये जो भारत की जीडीपी के 10% के बराबर है |
  • कुटीर उद्योग सहित – MSME, मजदूर, मध्यम वर्ग, उद्योग, अन्य को बजट में शामिल किया गया |
  • सभी क्षेत्रों में साहसिक सुधार देश को आत्मनिर्भरता की और बढ़ाइएगा |
  • यह समय हमारे स्थानीय उत्पादों बेहतर बना कर, वैश्विक उपलब्धता प्राप्त करना है |

भाग 1 : व्यवसाय को  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम 

(Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) में शामिल करना 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीब के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज दिया गया | 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना मुख्य बिंदु 

  • 80 करोड़ गरीबो को प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहू या चावल तीन महीने तक दिया जायेगा |
  • सभी स्वस्थीय कार्यकर्ताओ को 50 लाख का बिमा कवर |
  • 1 किलो दाल प्रत्येक परिवारों को तीन महीने तक |
  • जन धन खाते से जुडी 20 करोड़ महिलाओ को 500 रु प्रति महीना, अगले तीन महीनो तक |
  • 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर फ्री में तीन महीने दिया जायेगा |

मनरेगा में दी जाने वाली राशि 182 रु को बढ़ाकर 202 रु किया, जिससे 13.62 करोड़ गरीबो को लाभ पहुंचेगा।  1000 रु के मान से 3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिक, गरीब विधवाओं के पूर्व अनुग्रह और गरीब दिव्यांग को दिए। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 8.7 करोड़ किसानो को 2000 रु दिए गए।

भाग 2 – गरीब, किसान और साथ में प्रवासी

  • तीन महीने तक कृषि ऋण 4.22 लाख करोड़ का लाभ  3 करोड़ किसानो ने लिया |
  • फसल ऋण तथा ब्याज की राशि को चुकाने के लिए जारी दिनांक 1 मार्च से 31 मई 2020 किया गया |
  • 25 लाख नए किसान क्रेडट कार्ड जारी किये गए, लोन सीमा 25,000 करोड |
  • 63 लाख लोन के 86600 करोड़ दिनांक 1.3.2020 से 30.04.2020 के बिच किये गए |

Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan Yojana को मजबूती देगा

“एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना”

एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड क्या है ?

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8 जुलाई को एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड योजना को मंजूरी दी थी। इसे ही एक महीने के भीतर रविवार को पीएम ने लॉन्च किया है। योजना 10 साल के लिए रहेगी।

किसानों तथा ग्रामीण इलाकों को क्या लाभ होगा?

Aatm Nirbhar Bharat Yojana मूल रूप से किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य से जुड़ी हुई है। इस योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। ताकि उन्हें अपनी उपज के लिए अधिक कीमत आसानी मिल सके।

इसकी जरूरत क्यों हुई?

लंबे समय से मांग उठ रही थी कि गांव में उद्योग क्यों नहीं लगा सकते।

इससे किसानों को अपना माल बेचने की आजादी मिलगी। उनकी लागत कम होगी और उनका लाभ बढ़ेगा।

इस स्कीम के तहत कौन लोन ले सकेगा?

प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी, मार्केटिंग कोऑपरेटिव सोसायटी, फार्मर प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन, स्व-सहायता समूह, किसान, जॉइंट लाइबिलिटी ग्रुप, मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी, कृषि उद्यमी, स्टार्ट-अप, कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स और और केंद्रीय/राज्य एजेंसी या लोकल बॉडी प्रायोजित पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट |

इस स्कीम का मैनेजमेंट कौन करेगा ?

एग्रीकल्चर इंफ्रा फंड के मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग का काम ऑनलाइन मैनेजमेंट इंफर्मेशन सिस्टम प्लेटफार्म पर किया जायेगा।

इसके द्वारा आवेदन देने वाली संस्थाओं को आवेदन करने में सक्षम बनाएगा। यह ऑनलाइन प्लेटफार्म कई बैंकों ब्याज दरों में पारदर्शिता जैसे लाभ देगा।

नेशनल, स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी इसका पूरा काम-काज देखेगी।

प्रधनमंत्री स्वनिधि योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 

Atmanirbhar bharat yojana के अंतर्गत नई योजना की घोषणा की है जिसका नाम पीएम स्वनिधि योजना है। इस योजना के तहत देश के रेहड़ी पटरी वालों वालों की आजीविका चलाने के लिए सरकार द्वारा 10,000 रूपये का ऋण प्रदान किया जाता है। इससे छोटे सड़क विक्रेता अपना काम फिर से शुरू करने में सक्षम होंगे। इस योजना से आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी।

किसानों, गरीबों और श्रमिकों के लिए की गई प्रमुख घोषणाएँ

  • किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करने की कोविड-19 योजनाए
  • पिछले 2 महीनों के दौरान प्रवासी श्रमिकों और शहरी गरीब मजदूरों के लिए सहायता योजना
  • प्रवासियों को वापस करने के लिए नरेगा (mgnregs) सहायता योजना
  • स्ट्रीट वेण्डर्स के लिए 5 हजार करोड़ रुपये की विशेष क्रेडिट सुविधा दी जा रही है।
  • क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (clss) के विस्तार के माध्यम से आवास क्षेत्र और मध्यम आय वर्ग को बढ़ावा देने के लिए 70 हजार करोड़ रु
  • श्रम संहिता में बदलाव करके श्रमिकों के लिए लाभ बढ़ाना
  • प्रवासियों को मुफ्त भोजन 2 महीने के लिए आपूर्ति करना
  • CAMPA फ़ण्ड का उपयोग कर 6 हजार करोड़ रोजगार पक्का किया जा रहा है।
  • नाबार्ड (NABARD) के माध्यम से किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूँजीगत निधि
  • Kisan Credit Card (किसान क्रेडिट कार्ड)  के माध्यम से ढाई करोड़ किसानों को बढ़ावा देना, किसान 2 लाख तक की खरीदी कर सकता है।
  • एक देश एक राशन कार्ड’ द्वारा भारत में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन लेने की सुविधा।
  • प्रवासी श्रमिकों, शहरी गरीबों के लिए किफायती किराये के आवास बनाना
  • मुद्रा शिशु लोन (MUDRA LOAN) के लिए 1500 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

 11 घोषणाएँ जो किसानों की आय दोगुनी करने के लिए की गई है 

  1. कृषि आधारित संरचना की स्थापना के लिए 11 लाख करोड़ रुपये
  2. सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के एक औपचारिककरण के लिए  ₹ 10 हजार करोड़
  3. जड़ी-बूटियों की खेती को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़ रुपये
  4. मधुमक्खी पालन के द्वारा शहद उत्पादन बढ़ावा देने के लिए  500 करोड़ रुपये अलग से
  5. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के तहत मछुआरों के लिए 2 हजार करोड़ रुपये आवण्टित
  6. अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू जैसे आवश्यक भोजन के लिए संशोधन
  7. कृषि विपणन सुधारों के लिए नए कानून नया कानून होगा जो अंतरराज्यीय व्यापार के लिए बाधाओं को दूर करेगा।
  8. किसान को अच्छी कृषि उपज के माध्यम से मूल्य और गुणवत्ता दी जाएगी।
  9. मनरेगा के लिए ₹ 40,000 करोड़ रखे गए हैं।
  10. पशुपालन के आर्थिक बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपये
  11. सभी फलों और सब्जियों को कवर करने के लिए 500 करोड़ रुपये के ‘ऑपरेशन ग्रीन’ बागवानी उद्यानिकी का विस्तार किया जाएगा।

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