भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में छोटे और लघु उद्यमियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है जो भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे स्तर के खाद्य उद्योगों को बढ़ावा देना और उनके विकास के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करना है।
PMFME Scheme 2024: प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना
Micro food processing enterprises: हमारे देश में खाद्य वस्तुए बनाने वाले ऐसे बहुत से उद्योग है जो खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्यरत है। लेकिन इन खाद्य उत्पादों का रखरखाव बहुत कठिन होता है, तथा खाद्य उत्पाद बहुत जल्दी ख़राब होते है। इसी को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना की शुरुआत की गयी है। योजना के अंतर्गत छोटे खाद्य उत्पाद उद्योगो का विकास करना तथा एक जिला एक उत्पाद के तहत योजना को बढ़ावा देना। हमारे किसान भाइयो की बहुत सी उद्यानिकी फैसले जैसे आम, आलू, लीची, टमाटर आदि बहुत जल्दी ख़राब होती है। इन फलो के रखरखाव और इनकी ब्रांडिंग के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की है ताकि देश और विदेश में मांग होने पर आपके उत्पाद को शीघ्र भेजा जा सके।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार शीघ्र खराब होने वाली कृषि उत्पादन की बर्बादी में कमी लाने, खाद्य उत्पादों को लबे समय तक सुरक्षित रखने, कृषि उपज का मूल्यवर्धन सुनिश्चित करने, रोजगार के सृजन, किसानों की आय में वृद्धि तथा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात हेतु अधिशेष के सृजन में महत्वपूर्ण योगदान करता है।
- एमएसएमई उद्यम पंजीकरण प्रक्रिया
- Aadhar bank link status
- पशुपालन अवसंरचना विकास कोष लोन
- UDID Card Online Apply
- Booster Dose Registration
- Udyami Mitra Portal Scheme 2024
- ई श्रम कार्ड योजना
- प्रधानमंत्री आवास योजना
- Umang App Benefits 2024
- Jeevan Pramaan Certificate
- Sukanya Samriddhi Yojana
PMFME योजना के लाभ
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत छोटे स्तर के खाद्य उद्योगों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:
- ऋण सहायता: इस योजना के तहत छोटे स्तर के खाद्य उद्योगों को बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता प्रदान की जाती है। इस ऋण पर सरकार द्वारा 35% तक की सब्सिडी दी जाती है।
- प्रशिक्षण: योजना के तहत छोटे स्तर के खाद्य उद्योगों के उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह प्रशिक्षण खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे कि गुणवत्ता नियंत्रण, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, और विपणन आदि में होता है।
- मार्केटिंग सहायता: योजना के तहत छोटे और मध्यम स्तर के खाद्य उद्योगों को विपणन सहायता प्रदान की जाती है। इसमें खाद्य उत्पादों के प्रदर्शनी और मेलों में भाग लेने, और ऑनलाइन विपणन के लिए सहायता प्रदान करना शामिल है।
PMFME Scheme पात्रता
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत निम्नलिखित उद्यम पात्र हैं:
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लगे छोटे और लघु उद्योग।
- स्वयं सहायता समूह (SHG) जो खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में लगे हैं।
- किसान उत्पादक संगठन (FPO) जो खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों में लगे हैं।
समग्र उद्देश्यों के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का लक्ष्य
PMFME Scheme का मुख्य उद्देश्य किसानो कृषि उपज के बेहतर उपयोग तथा मूल्यवर्धन द्वारा किसानों की आय बढ़ाना है। कृषि खाद्य उपज के भंडारण, परिवहन तथा प्रसंस्करण हेतु अवसंरचना के विकास द्वार खाद्य प्रसंस्करण श्रृंखला में मदद करना एवं उत्पाद एवं प्रक्रिया विकास तथा उन्नत पैकिंग के लिए खाद्य प्रसंस्करण में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना है। घरेलू एवं बाहरी दोनों स्रोतों से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में आधुनिक प्रौद्योगिकी लाना इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना शुरू की है। प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात और विकास को बढ़ावा देना।
Pmfme Scheme के मुख्य बिंदु
योजना का नाम | प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना |
विभाग | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार |
योजना का उद्देश्य | खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का विकास करना |
लाभार्थी | असंगठित खाद्य प्रसंस्करण उद्यम |
आधिकारिक वेबसाइट | mofpi.nic.in |
Pmfme Yojana आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- उद्यम की जानकारी
- बैंक पासबुक
- उद्यम के वित्तीय विवरण की जानकारी
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए रजिस्ट्रेशन
PMFME Scheme में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना के आधिकारिक वेब पोर्टल – pmfme.mofpi.gov.in पर जाना होगा।
- Pmfme mofpi gov in वेब पोर्टल पर जाये।
- इसके बाद Online Registration लिंक पर क्लिक करे।
- साइन अप करे बटन पर क्लिक करे।
- नया उपयोगकर्ता पंजीकरण फॉर्म खुलेगा।
- सभी जानकारी दर्ज कर रजिस्टर बटन पर क्लिक करे।
- सफल पंजीकृत उपयोगकर्ता को उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड के साथ अपनी पंजीकृत ईमैल आईडी पर एक ईमेल प्राप्त होगा। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर नोटिफिकेशन भी मिल जाएगा।
- यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होने से यूजर सिस्टम में लॉगइन कर सकते हैं।
PMFME Scheme योजना में ऑनलाइन आवेदन कैसे करे
- Pmfme mofpi वेब पोर्टल पर जाये।
- इसके बाद Login बटन लिंक पर क्लिक करे।
- यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज करे। आप पोर्टल पर लॉगिन हो जाओगे।
- कृपया ध्यान दें एक बार जब आप अपनी भूमिका का चयन कर लेते हैं तो आप अपने आवेदन के प्रकार को नहीं बदल सकते हैं।
- पोर्टल पर अपनी भूमिका का चयन करे।
- Apply Online बटन पर क्लिक करे।
- ऑनलाइन आवेदन करने पर क्लिक करने पर उपयोगकर्ता 7 अनुभागों में अलग से फॉर्म भर सकेंगे। अनुभाग के नाम निम्नानुसार है ।
- आवेदक विवरण
- मौजूदा उद्यम
- प्रस्तावित व्यावसायिक विवरण
- वित्तीय विवरण
- लेंडिंग बैंक
- दस्तावेज अपलोड करें
- घोषणा और सबमिट
- सभी जानकारी भर कर फॉर्म सब्मिट करे।
राज्य नोडल एजेंसी प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी और राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति (एसएलएसी) की सिफारिश के साथ खाद्य प्रसंस्करण उद्यम मंत्रालय को भेजा जायेगा। उसके पश्चात, प्रस्ताव ऋण की मंजूरी हेतु बैंक को भेजा जाएगा। साझा इन्फ्रास्ट्रक्चर के सृजन हेतु सहायता कि आवेदन करने हेतु भी यही प्रक्रिया का पालन किया जायेगा।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र देश में
micro food processing enterprises: देश में असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लगभग 25 लाख खाद्य प्रसंस्करण उद्यम हैं जो गैर- पंजीकृत एवं अनौपचारिक हैं। असंगठित उद्यम खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में रोजगार में 74% प्रतिशत का योगदान करता है | इनमें से लगभग 66% यूनिटें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति हैं और लगभग 80% उद्यम परिवार आधारित उद्यम हैं जो ग्रामीण पारिवारिक आजीविका में सहायक हैं और शहरी क्षेत्रों में उनके पलायन को कम करती हैं। अधिकांशतः ये सूक्ष्म उद्यम हैं।
इन उद्योगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिससे इनका काम एवं वृद्धि सीमित हो जाती है। इन चुनौतियों में, आधुनिक प्रौद्योगिकी एवं उपकरणों की उपलब्धता, प्रशिक्षण, सांस्थानिक ऋण की उपलब्धता, उत्पादों के गुणवत्ता नियंत्रण के संबंध में जानकारी में कमी तथा ब्रांडिंग एवं विपणन कौशल की कमी शामिल हैं। इसलिए, असंगठित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र अपनी भारी क्षमता के बावजूद मूल्यवर्धन तथा आउटपुट के संदर्भ में बहुत कम योगदान कर पाता है।
असंगठित खाद्य प्रसंस्करण सूक्ष्म उद्यम क्षेत्र के योगदान और उनके कार्यनिष्पादन में बाधा पहुंचाने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्यम मंत्रालय ने एक पैकेज सहायता तथा सेवाओं के माध्यम से “पीएम एफएमई – प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना“ शुरू की है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना के लक्ष्य है
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (PMFME Scheme) के असंगठित खंड मैं मौजूदा निजी सूक्ष्म उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाना और क्षेत्र के फॉर्मलाइजेशन को प्रोत्साहन देना तथा
- किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) और उत्पादक सहकारिताओं को उनकी संपूर्ण मूल्य श्रृंखला के लिए सहायता देना ।
PMFME Scheme का उद्देश्य
- तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण तथा हैंड-होल्डिंग सहायता सेवाओं के माध्यम से उद्यमियों की क्षमता निर्माण करना।
- प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को ऋण दिलाना।
- सूक्ष्म उद्यमों को साझा सेवाओं का लाभ लेने हेतु कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), सहकारिताओं तथा सहकारी समितियों को उनकी सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला में सहायता करना।
- ब्रांडिंग और विपणन को मजबूत करके संगठित आपूर्ति श्रृंखला के साथ समीकरण करना।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना पात्रता मानदंड
- उद्यम के स्वामित्व अधिकार के साथ व्यक्तिगत / भागीदार फर्म |
- मौजूदा सूक्ष्म खाद्य उद्यम जो कि सर्वे या रिसोर्स पर्सन द्वारा जांचे गए हों।
- आवेदक 18 वर्ष से अधिक का हो और कम से कम 8वीं कक्षा की शैक्षणिक योग्यता रखता हो।
- वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए एक परिवार से केवल एक व्यक्ति पात्र होगा।
PMFME Scheme आवेदन करने की प्रक्रिया
योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाली इच्छुक उद्योगों के लिए जिला स्तर पर आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त करने के इच्छुक मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को pmfme पोर्टल पर आवेदन करना चाहिए | जांच के बाद बैंकों को ऋण प्रस्तावों की सिफारिश की जाएगी। राज्य सरकार बैंकों को सिफारिश किये जाने वाले आवेदनों की सूची बनाने के लिए उपयुक्त स्तर तय कर सकते हैं।
खाद्य प्रसंस्करण योजना बजट
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना में 2020-21 से 2024-25 तक की पांच वर्षों की अवधि में 10,000 करोड़ रुपए के परिव्यय की परिकल्पना की गई है । योजना के अंतर्गत व्यय केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 60:40, पूर्वोत्तिर एवं हिमालयीन राज्यों के बीच 90:10, विधान परिषदों युक्त संघ क्षेत्रों के साथ 60:40 के अनुपात में तथा अन्य संघ राज्य क्षेत्रों के लिए केंद्र द्वारा 100% वहन किया जाएगा ।
Pmfme Scheme अनुदान सहायता
योजना के अंतर्गत 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को सीधे क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सहायता दी जाएगी । पर्याप्त सहायक कॉमन इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा संस्थागत आर्किटैक्चर को क्षेत्र की वृद्धि को तेज करने के लिए सहायता दी जाएगी ।
एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत
इनपुट की प्राप्ति, सांझा सेवाओं की प्राप्त करने और उत्पादों के विपणन के अनुरूप बैनिफिट ऑफ स्केल का लाभ उठाने के लिए योजना में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) दृष्टिकोण अपनाया गया है | योजना के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) मूल्य श्रृंखला विकास तथा सहायक इन्फ्रास्ट्रक्चर के मार्गरेखा/एलाइनमैंट हेतु फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगी | एक जिले में एक से अधिक ओडीआओपी उत्पाद हो सकते हैं तथा एक क्लस्टर का विस्तार एक से अधिक जिलों में हो सकता है |
शीघ्र खराब होने वाली उपज ध्यान केंद्रित करने के योजना लक्ष्य को देखते हुए राज्य, एक जिले के लिए खाद्य उत्पाद निर्धारित करेंगे | राज्य सरकार द्वारा एक बेस-लाइन अध्ययन कराया जाएगा । ओडीओपी उत्पाद एक शीघ्र खराब होने वाली उपज, अनाज आधारित उत्पाद अथवा एक जिले में एवं उससे संबंधित क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपजाया जाने वाला खाद्य उत्पाद हो सकता है |
उदाहरण के तौर पर आम, आलू, लीची, टमाटर, साबूदाना, किन्नू, भुजिया, पेठा, पापड़, आचार, मोटे अनाज आधारित उत्पाद, मल्यिकी, पॉल्ट्री, मांस तथा पशु आहार | इसके अतिरिक्त, योजना के अंतर्गत अपशिष्ट से मूल्यवान उत्पादों सहित कुछ अन्य पारंपरिक एवं अभिनव उत्पादों को सहायता दी जा सकती है । उदाहरण के लिए शहद, जनजातीय क्षेत्रों में लघु वन उपज, पारंपरिक भारतीय हर्बल खाद्य पदार्थ जैसे कि हल्दी, आंवला आदि | कृषि उपज के लिए सहायता कम अपव्यय, उचित परख तथा भंडारण एवं विपणन के प्रयासों के साथ-साथ उनके प्रसंस्करण के लिए होगी ।
- विद्युत बिलों में राहत योजना
- आधार कार्ड में मोबाइल नंबर
- राजस्थान प्री मेट्रिक कक्षा 6 से 12 वीं स्कॉलरशिप पोर्टल
- नया गैस कनेक्शन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
- सीएससी रजिस्ट्रेशन
- फ्री सिलाई मशीन प्रक्षिक्षण योजना
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना पात्रता
- पूंजी निवेश के लिए मौजूदा निजी सूक्ष्म उद्यमों को सहायता देने के संबंध में ओडीओपी उत्पादों का उत्पादन करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी । परंतु, अन्य उत्पादों को उत्पादन करने वाली मौजूदा उद्योगों को भी सहायता दी जाएगी । समूहों प्रभावी रूप से ओडीओपी उत्पादों में शामिल समूहों द्वारा पूंजी निवेश के मामले में सहायता दी जाएगी ।
- ऐसे जिलों में अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण करने वाले समूहों को सहायता केवल उनके लिए ही दी जाएगी जो उन उत्पादों का पहले से प्रसंस्करण कर रहे हैं और जिनके पास पर्याप्त तकनीकी, वित्तीय एवं उद्यमी क्षमता है।
- नए उद्यम चाहे वे निजी के लिए हों या समूहों के लिए को सहायता केवल ओडीओपी उत्पादों के लिए ही दी जाएगी ।
- कॉमन इप्फ्रास्ट्रक्चर एवं विपणन तथा ब्रांडिंग के लिए सहायता ओडीओपी उत्पादों के लिए ही होगी । राज्य अथवा क्षेत्र स्तर पर विपणन और ब्रांडिंग के लिए सहायता के मामले में जिलों के समान उत्पादों को भी जिनमें वही उत्पाद ओडीआओपी के रूप में नहीं हैं, शामिल किया जा सकता है ।
- वाणिज्य विभाग कृषि निर्यात नीति के अंतर्गत निर्यातों के लिए सहायता हेतु क्लस्टर दृष्टिकोण पर कृषि फसलों पर फोकस कर रहा है और कृषि मंत्रालय भी तुलनात्मक लाभ वाले जिलों में विशिष्ट कृषि उपज के विकास के लिए क्लस्टर दृष्टिकोण पर फोकस कर रहा है । अनेक राज्यों ने इसी प्रकार क्लस्टर आधारित विकास अपनाया है | योजना का ओडीओपी दृष्टिकोण सांझा सुविधाओं एवं अन्य सहायक सेवाएं उपलब्ध कराने में आसान साबित होगा ।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना के घटक
असंगठित क्षेत्र के लिए चार घटक निम्न है :
- निजी एवं समूह सूक्ष्म उद्यमों को सहायता;
- ब्रांडिंग और विपणन सहायता;
- संस्थान सुदृढ़ीकरण हेतु सहायता;
- मजबूत परियोजना प्रबंधन फ्रेमवर्क की स्थापना ।
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